इन क्षेत्रों में नौकरियां देकर 2019 में नया इतिहास रच सकती है मोदी सरकार

punjabkesari.in Saturday, Apr 07, 2018 - 09:48 AM (IST)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यकाल 2019 में खत्म होने जा रहा है। इन चार सालों में कई ऐसे मुद्दे रहे जिन्हें लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार को खूब घेरा। इस दौरान सरकार पर कई आरोप- प्रत्यारोप लगे। सरकार की जीएसटी और नोटबंदी लागू करने को लेकर भी खूब आलोचना हुई। 2014 में 335 सीटों की प्राचंड बहुमत हासिल करने से पहले चुनाव में  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम जमता से कई वादे किए जो आजतक पूरे नहीं किए जा सके- चाहे कालाधन वापस लाना हो या बुलेट ट्रेन।

देश में कितने युवाओं को चाहिए नौकरियां

 हमारे देश में सबसे ज्यादा युवा है। भारत सरकार की यूथ इन इंडिया 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक साल 1971 से 2011 के बीच युवाओं की आबादी 16.8 करोड़ से बढ़कर 42.2 करोड़ हो गई है। यानी कुल आबादी का 34.8 फीसदी। बता दें कि इस रिपोर्ट में 15 से 34 साल की उम्र के लोगों को युवा माना गया है। अमूमन कहा जाता है कि जिस देश में जितने युवा इस देश में उतना ही ज्यादा विकास होते है लेकिन हमारे देश में आधे से ज्यादा युवा बेरोजगार है। प्रधानमंत्री बनने से पहले खुद नरेंद्र मोदी ने युवाओं से वादा किया था कि वो 1 करोड़ रोजगार के अवसर देने की बात कही थी। 

हमारे देश में किसी सर्वेक्षण के आधार पर रोजगार पैदा करना हमेशा से ही चिनौतीपूर्ण रहा है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि उद्योग जगत की राय में पिछले चार सालों में केवल 36 लाख सालाना की दर से रोजगार पैदा हो पाया है। 

सरकार के सामने ये बड़ी चुनौती 

2014 में मिली जीत के बाद अब बीजेपी के सामने 17 वें लोकसभा चुनाव में भी इतिहास दोहराने का दबाव सरकार के ऊपर रहेगा। जानकारों का कहना है कि नोटबंदी और जीएसटी के प्रभाव के कारण बैंको का हाल बेहद खराब है। वहां महंगाई के फिर से चार फीसदी से ज्यादा हो जाने के चलते कंपनियों को पर्याप्त और सस्ता कर्ज नहीं मिल रहा है। जानकारों की राय है कि फिलहाल मोदी सरकार को प्राइवेट सेंक्टर के अलावा सरकारी सेक्टर में नौकरियों का सृजन करने की कोशिश करनी चाहिए। सरकार के लिए ये बेदह फायदे का सौदा रहेगा क्योंकि आज भी हमारे देश में प्राइवेट नौकरी से ज्यादा सरकारी नौकरी को तवज्जो दी जाती है।  

देखा जाए तो मोदी सरकार ने पहले ही इस बात को समझ लिया है और इसलिए ही सरकार ने विभिन्न मंत्रालयों में नई वेकेंसियां निकालने की रफ्तार तेज हो गई है। अब सबसे महत्वपूर्ण सवाल ये उठता है कि आखिर आखिरकार केंद्र सरकार में किन विभागों में कितनी नौकरियां पैदा करने की संभावना है। 

चलिए हम बताते है ऐसे मंत्रालयों के बारे में जहां नौकरियां पैदा होने की संभावना है।   

 रेल मंत्रालय - देखा जाए तो कर्मचारियों के लिहाज से सबसे बड़ा विभाग है। हाल ही में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि उनके मंत्रालय में 2.5 लाख पदों पर जल्द ही नियुक्ति की जाएगी। साथ ही जानकारी दी कि फिलहाल 63 हजार ग्रुप ‘डी’ और 26 हजार ग्रुप ‘सी’ पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। कुछ ही महिनों में इसे पूरा कर लिया जाएगा। इन पदों को लिए युवा भारी मात्रा में आवेदन कर रहे है। करीब 1.5 करोड़ युवाओं ने इसके लिए आवेदन किया है। रेल मंत्री ने ये भी बताया कि 1.5 लाख पदों पर जल्द ही नियुक्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। 

सेना और अर्द्धसैनिक बल- 2017 में संसद में कंद्र सरकार ने बताया था कि सेना के तीनों अंगों के सवीकृत 14.9 लाख पदों में से 60 हजार पद खाली है। वहीं दूसरी ओर  अर्द्धसैनिक बल में 12 लाख मंजूर पदों में से करीब 60 हजार पद खाली है। सरकार अगर चाहे तो इन दोनों विभागों में सालभर में एक लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा कर सकती है। 

पीएसयू- सरकारी क्षेत्र की कंपनी में 12 लाख से ज्यादा क्षमता वाली 244 पीएसयू में भी इस समय हजारों पद खाली हैं। यहां भी नौकरियां पैदा की जा सकती है। 

केंद्र के अलग अलग मंत्रालय- इन सारे मंत्रालयों के अलावा केंद्र सरकार के 23 लाख से ज्यादा स्वीकृत पदों में से करीब चार लाख पद खाली है। इसमें से 80 फीसदी पद क्लर्क श्रेणी के हैं।

राज्यों में पुलिस, शिक्षा, स्वास्थ्य- एक अनुमान के मुताबिक सरकारी स्कूलों में छह लाख से ज्यादा पद खाली है। वहीं स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग में भी दो लाख से ज्यादा पद खाली हैं। पुलिस में पांच लाख से ज्यादा पद खाली है। सरकार चाहें तो 10 लाख से ज्यादा सरकारी नौकरियां पैदी की जा सकती है। 2019 में मोदी सरकारी यदि केंद्र में लौटना चाहती है तो उसे इन संकेतों को  समझ के इन पदों को भरने की कोशिश करनी चाहिए।
 


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