मिशन बुनियाद स्कीम से पढ़ाई में कमजोर बच्चे बनेंगे होशियार

punjabkesari.in Tuesday, Feb 20, 2018 - 07:50 AM (IST)

नई दिल्ली : दिल्ली सरकार और स्थानीय निकायों के स्कूलों में 50 प्रतिशत से अधिक ऐसे बच्चे हैं जो अपनी पाठ्य पुस्तक नहीं पढ़ पा रहे और गणित की बुनियादी चीजों की जानकारी नहीं है। ऐसे बच्चों की बुनियाद मजबूत करने के लिए सरकार मिशन बुनियाद स्कीम चलाएगी। सरकार को उम्मीद है कि इससे पढ़ाई-लिखाई में कमजोर बच्चों को योग्य बनाने में मदद मिलेगी। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को इसकी घोषणा की। 

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पढ़ाई-लिखाई में कमजोर बच्चों के लिए अप्रैल, मई और जून में मिशन बुनियाद चलाया जाएगा। यह मिशन तीसरी क्लॉस से लेकर 8वीं क्लॉस तक के बच्चों के लिए होगा। इसमें दिल्ली सरकार के अलावा स्थानीय निकायों के स्कूलों में पढऩे वाले बच्चे भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि देशभर में पढ़ाई को लेकर एक बड़ी समस्या है। बच्चे अपने क्लास की किताब तक नही पढ़ पा रहे हैं या गणित के सवाल हल नही कर पाते हैं। दिल्ली और देश के हर राज्य में 50 प्रतिशत से अधिक बच्चे रीडिंग और गणित में कमजोर हैं। ऐसे में जो बच्चे पाठ्य पुस्तक नही पढ़ पा रहे हैं या गणित हल नही कर पा रहे हैं उन्हें बेहतर करना है। उन्होंने इस मुद्दे पर एमसीडी और अन्य स्थानीय निकायों से मिलकर काम करने की अपील की है। 

उन्होंने कहा कि हर स्कूल में एक मेंटर टीचर तैनात होगा। इन टीचर की ट्रेंनिग फरवरी और मार्च में दिल्ली सरकार कराएगी। हर बच्चे को अलग-अलग ग्रुप में बांटा जाएगा और जो बच्चा बिल्कुल नहीं पढ़ पा रहा है उसका अलग ग्रुप होगा। हर एक बच्चे की रिपोर्ट तैयार की जाएगी। उन्होंने अभिभावकों से अपील की है कि अगर बच्चों को पढ़ाई में दिक्कत है तो मई और जून में छुट्टी पर न जाएं और बच्चे को स्कूल भेजें। बच्चों को रिफ्रेशमेंट भी दिया जाएगा और क्लॉसरूम में क्रिएटिव माहौल तैयार किया जाएगा। 

एमसीडी स्कूलों में भी होंगे मेंटर टीचर 
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार की तर्ज अब नगर निगम के स्कूलों के लिए भी मेंटर शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे। इन शिक्षकों का काम स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को ट्रेनिंग देना होगा। सरकार ने पांच स्कूलों पर एक मेंटर शिक्षक को नियुक्त किया था। इसी तर्ज पर नगर निगम के स्कूलों में भी मेंटर टीचर लगाए जाएंगे। ये मेंटर टीचर बच्चों की व्यक्तिगत रिपोर्ट तैयार करेंगे। विशेष कक्षा के जरिए उनके स्तर में सुधार लाया जाएगा। 


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