एडीजे परीक्षा पर  हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, इन उम्मीदवारों को होगा लाभ

punjabkesari.in Saturday, Jan 12, 2019 - 01:44 PM (IST)

नई दिल्ली :मप्र हाईकोर्ट ने एक अहम अंतरिम आदेश के जरिए मप्र हायर ज्यूडीशियल सर्विसेज ( एंट्री लेवल) डायरेक्ट रिक्रूटमेंट फ्रॉम बार परीक्षा 2019 में शामिल होने के इच्छुक वकीलों व सिविल जजों को उम्र-अनुभव के बिंदुओं पर राहत दी है। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने एडीजे के परीक्षा के लिए उम्र सीमा 48 से घटाकर 45 किये जाने के खिलाफ दायर याचिका संबंधी मामले की सुनवाई में अड़तालिस वर्ष आयु के उम्मीदवारों को परीक्षा में शामिल किए जाने के आदेश जारी किए हैं। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एस के सेठ और न्यायाधीश व्ही के शुक्ला की युगलपीठ ने 48 वर्ष के उम्मीदवार को परीक्षा में शामिल किये किये जाने के आदेश जारी किये है। युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि 45 वर्ष से अधिक उम्र वाले अभियार्थियों के परीक्षा के रिजल्ट घोषित नहीं करते हुए सील कवर लिफाफें में रखे जाये। एडीजे की परीक्षा के लिए उम्र सीमा में संशोधन करते हुए उसे 35 से बढ़ाकर 48 किया गया था। जिसे पुन: संशोधित करते हुए उसे 45 वर्ष कर दिया गया था। 

दायर हुईं थीं 21 याचिकाएं
दिल्ली के वकील नरेश कुमार, विदिशिा के सुरजीत सिंह सहित अन्य वकीलों ने तथा अरविंद सिंह व अन्य सिविल जजों की ओर से 21 याचिकाएं दायर कर कहा कि 17 दिसंबर 2018 को मप्र हायर ज्यूडीशियल सर्विसेज ( एंट्री लेवल) डायरेक्ट रिक्रूटमेंट फ्रॉम बार परीक्षा 2019 के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए। अधिवक्ता जितेंद्र तिवारी, ब्रह्मानंद पांडे, मनीष अंगिरा ने तर्क दिया कि इस परीक्षा के लिए वकीलों व नवनियुक्त सिविल जजों को पात्रता है। लेकिन इन भर्तियों के लिए 2017 के संशोधित नियमों के तहत वकीलों के लिए अधिकतम आयुसीमा 45 साल कर दी गई। जबकि 1994 के नियमों के अनुसार यह 48 वर्ष थी।इससे कई लोग परीक्षा में शामिल होने से वंचित हो जायेंगे। याचिका में कहा गया था कि परीक्षा के लिए ऑनलाईन आवेदन करने की अंतिम तिथि 14 जनवरी है, उक्त आदेश से कई लोग प्रभावित होगे। याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि 48 वर्ष तक के उम्मीदवार परीक्षा के लिए आवेदन कर सकता है। ऐसे उम्मीदवार के रिजल्ट घोषित नहीं करते हुए सील कवर लिफाफे रखे जाये। 


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