सरकार ने ‘नो डिटेंशन’ पॉलिसी पर फोड़ा खराब रिजल्ट का ठीकरा

punjabkesari.in Thursday, May 31, 2018 - 10:09 AM (IST)

नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के परीक्षा परिणाम में दिल्ली सरकार के स्कूलों में बेहतर प्रदर्शन नहीं किया है। इस पर शिक्षामंत्री मनीष सिसौदिया की शिक्षा सलाहकार रहीं आतिशी मार्लेना ने सफाई देते हुए कहा कि ‘नो डिटेंशन’ पॉलिसी की वजह से रिजल्ट खराब हुआ है। आतिशी ने बताया कि अभी शिक्षा विभाग की ओर से आंकड़े जुटाए जा रहे हैं। 10वीं का रिजल्ट शाम 4 बजे आया है, ऐसे में मंगलवार शाम तक काफी जानकारियां हासिल नहीं हुई हैं। 12वीं का परिणाम समय पर आ गया था, तो शिक्षामंत्री ने जल्द रिएक्शन दे दिया था। मार्लेना ने बताया कि दिल्ली सरकार को शुरू से ही अनुमान था कि 10वीं में अनुकूल परिणाम नहीं आएगा। यही वजह रही कि सरकार ने कई कार्यक्रम चलाए रखे।

‘नो डिटेंशन’ पॉलिसी की वजह से कक्षा 9 तक बच्चों को फेल नहीं किया गया, जिससे उन्हें 10 साल बाद हुई बोर्ड की परीक्षा में दिक्कतें आईं। सरकारी स्कूलों में 9वीं के छात्र को अपनी किताबें तक पढऩा नहीं आता है, तो वे 10वीं कैसे पास कर पाएंगे? शिक्षा को बेहतर करने में सरकार जुटी है। फरवरी में हुए प्री एग्जाम में बच्चों का रिजल्ट सिर्फ 30 प्रतिशत रहा, जो कि फाइनल एग्जाम में बढ़कर 69.8 प्रतिशत तक पहुंचा। बता दें कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन कह चुके हैं कि पिछले 10 सालों की तुलना में इस बार 10वीं का परिणाम काफी नीचे गिरा है। 

इससे शर्मनाक क्या हो सकता है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के परिणाम राष्ट्रीय स्तर के औसत से 16.70 प्रतिशत कम है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया का शिक्षा सुधार सिर्फ हवा हवाई है। विज्ञापनों की आड़ में लाखों छात्रों का भविष्य खतरे में डाल दिया गया।


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pooja

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