सरकार ने दी एसएमसी फंड को मंजूरी

punjabkesari.in Wednesday, Oct 10, 2018 - 05:22 PM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने अपने सरकारी स्कूलों के लिए स्कूल मैनेजमेंट कमेटी फंड (एसएमसी फंड) को मंजूरी दे दी है। इसके तहत हर स्कूल की हर पाली की एसएमसी को कम से कम 5 लाख रुपए का सालाना फंड दिया जाएगा। प्रधानाचार्य एसएमसी के प्रमुख होते हैं। इसके अलावा इस टीम में दो अध्यापक, दो सामाजिक कार्यकर्ता और 12 चुने हुए बच्चों के अभिभावक होते हैं।

 

उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेसवार्ता में कहा कि प्रधानाचार्यों को सशक्त करने की दिशा में यह एक बहुत बड़ा कदम है। अभी तक प्रधानाचार्य हर छोटी-छोटी जरूरत के लिए शिक्षा निदेशालय पर निर्भर रहते थे। लेकिन अब वे बहुत सारे काम खुद करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल गवर्नेंस की दिशा में यह अब तक का सबसे बड़ा कदम है। अब प्रधानाचार्य और चुनी हुई एसएमसी मिलकर स्कूल चलाएंगे। इसके तहत अगर किसी स्कूल सें 1500 तक बच्चे हैं तो उस स्कूल की एसएमसी को 5 लाख रुपए दिए जाएंगे। 

 

इसी तरह 1501 से लेकर 2500 तक की संख्या वाले स्कूलों को 6 लाख रुपए दिए जाएंगे। अगर किसी स्कूल में बच्चों की संख्या 2500 से ऊपर है तो उस स्कूल की एसएमसी को 7 लाख रुपए सालाना दिया जाएंगे।

 

इस फंड का 50 फीसदी पैसा मेंटिनेंस संबंधी कार्यों पर और बाकी 50 प्रतिशत पैसा एसएमसी इनीशिएटिव कार्यों पर खर्च किया जा सकेगा। इस पैसे को किस काम के लिए खर्च करना है, इसका फैसला प्रधानाचार्य और उनकी एसएमसी की टीम मिलकर करेगी। वहीं, एसएमसी इनीशिएटिव के तहत प्रधानाचार्य और उनकी एसएमसी टीम अपने स्कूल के बच्चों के लिए विभिन्न विषयों और अन्य गतिविधियों की तैयारी के लिए रिसोर्स पर्सन या एक्सपर्ट बुला सकेंगे। अगर कोई प्रधानाचार्य और उनकी एसएमसी टीम चाहती है कि उनके 9वीं और 10वीं के बच्चों को कुछ समझने में दिक्कत आ रही है और उसे समझाने के लिए एक्सपर्ट की जरूरत है तो इस फंड से एक्सपर्ट बुलाया जा सकेगा। 

 

वहीं, इस फंड की सबसे खास बात यह है कि अगर स्कूल प्रिंसिपल और एसएमसी टीम को लगे कि उनके स्कूल के बच्चों को मेडिकल, इंजीनियरिंग, कानून और चार्टेट अकाउंट आदि की तैयारी के लिए रिसोर्स पर्सन की जरूरत है तो यह काम भी इस फंड से किया जा सकेगा। इसके साथ ही अंग्रेजी बोलना सिखाने की कक्षाएं भी इस फंड के जरिए लगवाई जा सकेंगी। इतना ही नहीं इस फंड के जरिए कैरियर ऑप्शन संबंधी जागरुकता के लिए भी अधिकतम 15 दिनों का क्लॉस कराया जा सकेगा। रिसोर्स पर्सन या एक्सपर्ट को 1000 रुपए प्रति घंटे के हिसाब से दिया जाएगा।


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pooja

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