मदरसा शिक्षकों को प्रशिक्षण देगी सरकार, जामिया और एएमयू से किया करार

punjabkesari.in Sunday, Jun 03, 2018 - 05:31 PM (IST)

नई दिल्ली : केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय मदरसा शिक्षकों के शिक्षण कौशल में सुधार के मकसद से उनके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू कर रहा है और इस संदर्भ में जामिया मिलिया इस्लामिया, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) और कुछ अन्य संस्थानों के साथ करार किया गया है। मंत्रालय की अधीनस्थ संस्था  मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन (एमएईएफ) द्वारा इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम मंत्रालय की 3 टी (टीचर, टिफिन और टॉयलेट) योजना का हिस्सा है। इस कार्यक्रम के तहत मदरसा शिक्षकों को 40-40 के बैच में देश के कुछ प्रमुख शिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षित किया जाएगा। यह प्रशिक्षण कम से कम 15  दिन का होगा और जरूरत के हिसाब से इसकी अवधि बढ़ाई भी जा सकती है। यह कार्यक्रम पूरे साल चलेगा।

एमएईएफ के मुताबिक, मदरसा शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए उसने जामिया, एएमयू और मुंबई के शिक्षण संस्थान ‘अंजुमन-ए-इस्लाम’ के साथ करार किया गया है तथा आने वाले दिनों में दक्षिण भारत और पूर्वी भारत के कुछ संस्थानों के साथ भी करार किया जाएगा। एमएईएफ के सचिव रिजवानुर रहमान ने बताया, कि आप जानते हैं कि 3 टी अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और मंत्रालय की महत्वाकांक्षी पहल है। इसके तहत हम मदरसा शिक्षकों को प्रशिक्षण दे रहे हैं ताकि उनके शिक्षण कौशल में सुधार हो सके। इसी प्रयास के तहत हमने देश के प्रमुख शिक्षण संस्थानों के साथ करार किया है और आगे भी करेंगे।  

उन्होंने कहा, मुख्यधारा के संस्थानों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के पास बी.एड, एम.एड तथा अन्य डिप्लोमा होते हैं और उनके प्रशिक्षित होने का फायदा बच्चों को मिलता है। मदरसों में ऐसा नहीं है। अगर मदरसे के शिक्षक भी प्रशिक्षित होंगे तो इसका फायदा मदरसों में पढऩे वाले बच्चों को मिलेगा। रहमान ने कहा,हम  40-40 के बैच में मदरसा शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में हम शिक्षा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों की भी मदद लेंगे। शुरुआती तौर पर हमने कुछ मदरसों को चिन्हित किया है। धीरे-धीरे हम सभी मदरसों को इस कार्यक्रम के दायरे में लाएंगे।


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