PIX: त्रेतायुग में याकू ऋषि ने की थी इस मंदिर की स्थापना, पूजन से होती हैं इच्छाएं पूर्ण

punjabkesari.in Monday, Aug 22, 2016 - 10:18 AM (IST)

देवभूमि हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के जाखू में विश्व प्रसिद्ध हनुमान मंदिर स्थित है। यह मंदिर शिमला की सबसे ऊंची चोटी पर स्थित है, जिसकी समुद्र तल से  ऊंचाई 8048 फीट है। यहां देश-विदेशों से लोग दर्शनों के लिए आते हैं। माना जाता है कि यह मंदिर त्रेतायुग में बना था। त्रेतायुग में इस मंदिर की स्थापना याकू ऋषि ने की थी। उन्हीं के नाम से इस मंदिर का नाम जाखू मंदिर रखा गया। 

 

पौराणिक कथा के अनुसार राम-रावण युद्ध के दौरान लक्ष्मण जी के मूर्छित हो जाने पर संजीवनी बूटी लेने के लिए हिमालय की ओर आकाश मार्ग से जाते हुए हनुमान जी की नजर यहां तपस्या कर रहे ऋषि पर पड़ी। हनुमान जी विश्राम करने और संजीवनी बूटी की जानकारी लेने पर्वत पर उतरे तो वह पहाड़ी उनका भार सहन न कर सकी अौर जमीन में धंस गई। पहाड़ी आधी से ज्यादा धरती में समा गई। इस पहाड़ी का नाम ऋषि याकू के नाम पर जाखू पड़ा। जाखू पर्वत के जिस स्थान पर हनुमान जी उतरे, वहां आज भी उनके पद चिह्नों को संगमरमर से बनवा कर रखा गया है। जिनकी पूजा करके भक्त खुद को सौभाग्यशाली समझते हैं।

 

हनुमान जा ने संजीवनी बूटी के बारे में जानकारी ली अौर वचन दिया कि वापिस आते समय ऋषि के आश्रम पर अवश्य आएंगे। मार्ग में कालनेमी नामक राक्षस से युद्ध करने के कारण समय के अभाव में हनुमान जी ऋषि के आश्रम नहीं जा सके। हनुमान जी ने उन्हें दर्शन दिया, उसके बाद इस स्थान पर हनुमान जी की स्वयंभू प्रतिमा प्रकट हुई। जिसके पश्चात ऋषि ने यहीं पर हनुमान जी का मंदिर बनवाया। 

 

मंदिर के अंदर हनुमानजी की मूल प्रतिमा स्थापित है। यहां मंगलवार और शनिवार को होने वाली आरती में काफी संख्या में भक्तजन आते हैं। जिन भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं वे रविवार को अपनी श्रद्धा से भंडारा करवाते हैं। मंदिर के प्रांगण में 2010 में 108 फीट ऊंची बजरंगबली जी की प्रतिमा स्थापित की गई थी। जिसे शिमला में कहीं से भी देखा जा सकता है।

 

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