Worship and care of Tulsi in Kartik month: वास्तु अनुसार कार्तिक मास में तुलसी के पौधे को लेकर बरतें विशेष सावधानियां !
punjabkesari.in Friday, Oct 03, 2025 - 02:12 PM (IST)

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Worship of Tulsi in Kartik month as per vastu Rules: कार्तिक मास हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है। इस मास में तुलसी का पौधा घर में विशेष महत्व रखता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, तुलसी केवल एक पौधा नहीं बल्कि सकारात्मक ऊर्जा, स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक है। सही तरीके से उसकी देखभाल करने से घर में खुशहाली, सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। वास्तु के अनुसार तुलसी के पौधे की सही दिशा, नियमित पूजा और सावधानी से रखरखाव करने पर घर में खुशहाली और परिवारिक सौभाग्य बढ़ता है।
Correct direction to plant Tulsi in the house वास्तु के अनुसार तुलसी का स्थान
सूर्य की दिशा में रखें:
तुलसी का पौधा घर के पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में लगाएं। यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र मानी जाती है।
साफ-सुथरी जगह:
पौधा हमेशा साफ और व्यवस्थित स्थान पर रखें। आसपास कोई कूड़ा या अव्यवस्था न हो।
घर के मुख्य द्वार से दूरी:
तुलसी को मुख्य दरवाजे के बहुत पास न रखें। यह ऊर्जा को संतुलित रखने में मदद करता है।
कार्तिक मास में विशेष सावधानियां
साप्ताहिक पूजा और जल देना:
इस मास में तुलसी को रोज़ाना सुबह सूर्य दर्शन के समय जल दें। नियमित पूजा से घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
मिट्टी और पौधे की देखभाल:
कार्तिक मास में पौधे की मिट्टी को हमेशा नमी बनाए रखें। सूखी मिट्टी तुलसी की ऊर्जा को कमजोर कर सकती है।
पतियों और वृद्ध व्यक्तियों के लिए:
तुलसी के पौधे के आसपास बैठने से पारिवारिक सौहार्द और पति की लंबी उम्र में वृद्धि होती है।
क्या न करें – तुलसी से जुड़े वास्तु नियम
रात में जल न दें: रात में तुलसी को जल देने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है।
पौधा मुरझा हुआ न हो: यदि तुलसी की पत्तियां पीली या मुरझाई हों, तो उन्हें तुरंत बदल दें। मुरझाया पौधा घर में अशांति ला सकता है।
कचरे के पास न रखें: तुलसी के पौधे के पास कूड़ा या अव्यवस्था रखने से वास्तु दोष उत्पन्न होता है।
तुलसी के स्वास्थ्य और आध्यात्मिक लाभ
कार्तिक मास में तुलसी घर में सकारात्मक ऊर्जा, खुशहाली और समृद्धि लाती है।
तुलसी के नियमित पूजन से वृक्ष स्वास्थ्य बढ़ता है और परिवार में सौहार्द और मानसिक शांति आती है।
यह सभी ऋतुओं में शुद्ध वायु और औषधीय लाभ प्रदान करती है।