Kundli Tv- शनि देव क्यों हैं काले?
punjabkesari.in Friday, Sep 28, 2018 - 04:44 PM (IST)

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शनि देव, जिनका नाम सुनते ही लोग थर-थर कांपने लगते हैं क्योंकि हिंदू धर्म में इनको बहुत ही क्रोधित देव माना गया है। शनि देव हमेशा व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं, जिस कारण इन्हें न्याय कता देवता कहा जाता है। पौराणिक ग्रंथों में इनका रंग काला बताया गया है, वहीं मंदिरो में भी इनकी काली प्रतिमा देखने को मिलती है। लेकिन शनि देव का रंग काला क्यों है इसके बारे में लोग जानते नहीं होंगे। तो आइए आज जानते हैं इसी से जुड़ी एक पौराणिक कथा-
अधिकतर लोग इनसे डरते हैं, वहीं ज्ञानी लोग इन्हें आराध्य देव के रूप में मानते हैं। उनके लिए शनि शत्रु नही बल्कि उनका मित्र है। जो व्यक्ति अन्याय पाप और अधर्म करते हैं शनि उनको अच्छे से प्रताड़ित करते हैं यानि दंड देते हैं।
शनि देव का जन्म और अपने पिता सूर्य से शत्रुता के पीछे की कथा
धर्म ग्रंथो के अनुसार सूर्य की दूसरी पत्नी छाया गर्भवती हुई, उनके गर्भ में शनिदेव थे। कहा जाता है कि छाया भगवान शंकर की बहूत ही बड़ी भक्त थी। उनकी भक्ति और आराधना में वो अक्सर भूल जाती थी की उनके गर्भ में कोई संतान है। इसी भक्ति भावना से वो न तो खुद का न ही खुद के बच्चे का ध्यान रख पाती थी। इस दशा में अजन्मे बालक का सही भरण पोषण नही हो पा रहा था।
सही समय आने पर शनिदेव का जन्म हुआ और अपोषण की वजह से उनका रंग काला (श्याम) हो गया | न तो सूर्य देव काले थे न ही उनकी पत्नी काली थी। जब सूर्य देव ने अपने पुत्र को देखा तो उसके रंग को श्याम वर्णी देख कर उन्होंने अपने पत्नी पर आरोप लगा दिया कि यह पुत्र उनका तो कभी हो ही नहीं सकता। छाया के लाख समझाने पर भी सूर्य देवता उसकी कोई बात नही समझाना चाहते थे। इस तरह खुद की और खुद की मां का अपमान देख कर शनिदेव अपने पिता से शत्रु भाव रखते है।
शनिदेव ने फिर भगवान शिव की घोर तपस्या करके अति शक्तिशाली शक्तियां अर्जित की और उनका स्थान नव ग्रहों में सबसे बड़ा और उनका डर मनुष्यों के साथ देवताओ को भी भयभीत करने लगा।
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