चरण स्पर्श करने के पीछे का क्या है रहस्य ?
punjabkesari.in Sunday, Apr 28, 2019 - 05:10 PM (IST)
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हमारी भारतीय संस्कृति बहुत ही प्राचीन है। ऋषि-मुनियों द्वारा स्थापित इस संस्कृति का गूढ़ वैज्ञानिक रहस्य है। कहते हैं कि ऋषियों ने काफी शोध क बाद हमारी सभ्यता और संस्कृति के लिए कुछ नियम बनाए हैं। ऐसा ही एक नियम भारतीय सभ्यता में चरण स्पर्श करना है। बड़े-बुजुर्गों का ऐसा माना जाता है कि पैर छुना केवल एक नियम ही नहीं है बल्कि इससे व्यक्ति के गुणों के बारे में पता चलता है। कहते हैं कि हर इंसान को पहली शिक्षा उसके घर से ही मिलती है। तो ये सारे संस्कार भी व्यक्ति को उसके घर से ही मिलते हैं। यह केवल एक अभिवादन करने का तरीका ही नहीं बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी है। तो आइए जानते हैं इसके पीछे का वैज्ञानिक और धार्मिक कारण।
क्या कभी किसी ने ये बात सोची है कि आखिर पैर ही क्यों छुए जाते हैं। शरीर के किसी भी हिस्से को छुकर आर्शीवाद लिया जा सकता है। इसके बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि जब हम सही प्रक्रिया के साथ चरण स्पर्श करते हैं तो हम अपनी कमर झुकाते हैं और अपनी बाईं हथेली की उंगलियों से अपने से किसी बड़े के दाएं पैर को और दाईं हथेली की उंगलियों से बाएं पैर को छूते हैं और फिर बड़े-बुजुर्ग हमारे सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद देते हैं। ऐसा करने से हमारा शरीर जो बहुत सारी तंत्रिकाओं से मिलकर बना है। जो तंत्रिका हमारे मस्तिष्क से शुरू होती है वो हमारे हाथों और पैरों के टिप पर खत्म होती है तो इस प्रक्रिया में जब हम उंगलियों से उल्टे तरफ के पैर छूते हैं तो इस तरह शरीर में विद्युतीय ऊर्जा का चक्र बन जाता है। साथ ही उनकी ऊर्जा हमारे अंदर प्रवेश करती है।
वहीं चरण स्पर्श करने के धार्मिक लाभ शास्त्रों में बताया गया है। जिसके अनुसार प्रतिदिन अपने से बड़ों का चरण स्पर्श करने से आयु, विद्या, यश और बल की प्राप्ति होती है।