शास्त्रों से जानें, हिन्दू संस्कृति में गाय को क्यों कहा जाता है माता

punjabkesari.in Saturday, May 01, 2021 - 10:45 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Cow Facts: गाय विश्व की माता है ‘गावो विश्वस्य मातर:।’ सूर्य, वरुण, वायु आदि देवताओं को यज्ञ, होम में दी हुई आहुति  से जो खुराक, पुष्टि मिलती है, वह गाय के घी से ही मिलती है। होम में गाय के घी की ही आहुति दी जाती है जिससे सूर्य की किरणें पुष्ट होती हैं, जिससे वर्षा होती है और वर्षा से सभी प्रकार के अन्न, पौधे, घास आदि पैदा होते हैं, जिनसे सम्पूर्ण स्थावर-जंगम, चर अचर प्राणियों का भरण-पोषण होता है।

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Why the Hindu cow is called a mother: हिन्दुओं के मुख्यत: जितने संस्कार होते हैं उन सबमें गाय के दूध, घी, गोबर आदि की प्रधानता होती है। द्विजातियों को जो यज्ञोपवीत दिया जाता है उसमें गाय का पंचगव्य (दूध, दही, घी, गोबर और गोमूत्र) सेवन कराया जाता है। यज्ञोपवीत संस्कार होने पर वे वेद पढ़ने के अधिकारी होते हैं। विवाह संस्कार में भी गाय के गोबर का लेप करके शुद्धि करते हैं। विवाह के समय गोदान का भी बहुत माहात्म्य है। जनना-शौच और मरणा-शौच मिटाने के लिए गाय का गोबर और गौमूत्र ही काम में लिया जाता है।

Cattle in religion and mythology: जब मनुष्य बीमार हो जाता है तब उसको गाय का दूध पीने के लिए देते हैं क्योंकि गाय का दूध तुरंत बल, शक्ति देता है। अगर बीमार मनुष्य को अन्न भी न पचे, तो उसके पास गाय के घी और खाद्य पदार्थों की अग्नि में आहुति देने पर उसके धुएं से उसको खुराक मिलती है। जब मनुष्य मरने लगता है, तब उसके मुख में तुलसी मिश्रित गंगाजल या गाय का दही देते हैं क्योंकि कोई मनुष्य जब यात्रा के लिए रवाना होता है, तो उस समय गाय का दही लेना मांगलिक होता है। अंतकाल में मनुष्य को जैसे गंगाजल देने का माहात्म्य है, वैसा ही माहात्म्य गाय का दही देने का है।

Cow in hinduism: वैतरणी से बचने के लिए गोदान किया जाता है। श्राद्ध-कर्म में गाय के दूध की खीर बनाई जाती है, क्योंकि पवित्र होने से इस खीर से पितरों की बहुत ज्यादा तृप्ति होती है। मनुष्य, देवता, पितर आदि सभी को गाय के दूध, घी आदि से पुष्टि मिलती है।

Importance of cow in vedas: गाय के अंगों में सम्पूर्ण देवताओं का निवास बताया गया है। गाय की छाया भी बड़ी शुभ मानी गई है। यात्रा के समय गाय या सांड दाहिने आ जाए तो शुभ माना जाता है और उसके दर्शन से यात्रा सफल हो जाती है। दूध पिलाती गाय का दर्शन बहुत शुभ माना जाता है। गाय के शरीर का स्पर्श करने वाली हवा भी पवित्र होती है। जहां गाय बैठती है, वहां की भूमि और गाय के चरणों की रज (धूल) भी पवित्र होती है।

The significance of cows in Indian society: गाय से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष इन चारों की सिद्धि होती है। गोपालन से, गाय के दूध, घी, गोबर आदि से धन की वृद्धि होती है। सम्पूर्ण धार्मिक कार्यों में गाय का दूध, दही, घी, गोबर और गोमूत्र काम में आते हैं। कामना पूर्ति के लिए किए जाने वाले यज्ञों में भी गाय का घी आदि काम में आता है।

Why cow is important in hinduism: निष्काम भाव से गाय की सेवा करने से मोक्ष प्राप्त होता है तथा अंत:करण निर्मल होता है। भगवान श्री कृष्ण ने भी गायों को चराया था, जिससे उनका नाम ‘गोपाल’ पड़ा। प्राचीन काल में ऋषि लोग वन में रहते हुए अपने पास गाय रखा करते थे। गाय के दूध-घी का सेवन करने से उनकी बुद्धि विलक्षण होती थी। गाय के घी का एक नाम ‘आयु’ भी है।

Why are cows sacred in hinduism: गाय इतनी पवित्र है कि देवताओं ने भी उसको अपना निवास स्थान बनाया है। जिसका गोबर और गोमूत्र भी इतना पवित्र है, फिर वह स्वयं कितनी पवित्र होगी। एक गाय का पूजन करने से सब देवताओं का पूजन हो जाता है जिससे सब देवताओं को पुष्टि मिलती है। पुष्ट हुए देवताओं के द्वारा सम्पूर्ण सृष्टि का संचालन, पालन, रक्षण होता है।

Cow Worship in Hinduism: गाय की रक्षा से मनुष्य, देवता, भूत- प्रेत, यक्ष-राक्षस, पशु-पक्षी, वृक्ष-घास आदि सबकी रक्षा होती है। कोई भी ऐसा स्थावर-जंगम प्राणी नहीं है जो गाय से पुष्टि न पाता हो। गाय अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की सिद्ध करने वाली, लोक-परलोक में सहायता करने वाली और नरकों से उद्धार करने वाली है।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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