श्रावणी उपाकर्म के बारे में क्या जानते हैं आप ?

punjabkesari.in Friday, Aug 09, 2019 - 02:46 PM (IST)

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हिंदू धर्म में हर त्योहार अपने आप में एक अलग महत्व रखता है। वहीं इस बार भाई-बहन के प्यार को उजागर करने का पर्व रक्षा बंधन, इस बार 15 अगस्त को मनाया जाएगा। इस खास दिन पर ही श्रावणी उपाकर्म त्योहार भी मनाया जाता है। इस पर्व को ब्राह्मणों द्वारा सामूहिक रूप से पवित्र नदी के घाट पर मनाया जाता है। इस दिन स्नान और आत्म शुद्धि कर पितरों और खुद के कल्याण के लिए आहुतियां दी जाती हैं और इसके साथ ही इस दिन पेड़-पौधे लगाने का भी खास महत्व होता है। आइए जानते हैं इसके बारे में कुछ ओर खास बातें। 
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ऋषि पूजन का महत्व
ऋषि जीवन ने ही महानतम जीवनश्चर्या का विकास और अभ्यास करने में सफलता पाई थी। ऋषि जीवन आंतरिक समृद्धि एवं ऐश्वर्य का प्रतीक है। यह सौम्य  जीवन के सुख और मधुरता का पर्याय है। आज के समाज की भटकन का कारण ऋषित्व का घनघोर अभाव है। इस पूजन से इन्हीं तत्त्वों की वृद्धि की कामना की जाती है। 
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प्रकृति से रूबरू
रक्षा बंधन पूज्य श्रद्धास्पद व्यक्तियों अथवा कन्याओं से कराया जाता है। श्रावणी और रक्षा बंधन की स्मृति को प्रगाढ़ करने के लिए वृक्षारोपण का भी प्रावधान है। वृक्ष परोपकार के प्रतीक हैं, जो बिना कुछ मांगे हमको शीतल छाया, फल और हरियाली प्रदान करते हैं। मानव जीवन के ये करीब के सहयोगी हैं और सदैव हमारी सेवा में तत्पर रहते हैं। अतः हमें भी इनकी सेवा तथा देखभाल करनी चाहिए। 
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कल्याण की भावना
शास्त्रों में वर्णन है कि अनुकूल मौसम में वृक्षारोपण करने पर दौगुना फल अधिक मिलता है। वृक्षारोपण द्वारा इन भावनाओं को क्रियाओं में परिणत करने का संकल्प लिया जाता है, जोकि इस पर्व का प्राण है और ऐसे में पूरे समाज का ये कर्तव्य बनता है कि इसे पूरा करे। यथा योग्य हर किसी को इस दिन वृक्षारोपण करना चाहिए। 


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