Vrishchik Sankranti 2025: इस दिन सूर्य देव करेंगे वृश्चिक राशि में गोचर, जानें तिथि और समय
punjabkesari.in Sunday, Nov 09, 2025 - 07:08 AM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Vrishchik Sankranti 2025: ज्योतिष शास्त्र में सूर्य का राशि परिवर्तन एक महत्वपूर्ण घटना होती है और जब वह मंगल की राशि वृश्चिक में प्रवेश करते हैं, तो इसका प्रभाव सभी राशियों और देश-दुनिया पर भी पड़ता है। सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश को संक्रांति कहा जाता है। जब सूर्य तुला राशि से निकलकर मंगल के स्वामित्व वाली वृश्चिक राशि में प्रवेश करते हैं, तो इसे वृश्चिक संक्रांति कहा जाता है। संक्रांति के दिन स्नान, दान और सूर्यदेव की उपासना का विशेष महत्व होता है। यह शुभ कार्य गोचर के समय से पहले और बाद के निश्चित समय में किए जाते हैं, जिन्हें पुण्य काल और महा पुण्य काल कहा जाता है।

Vrishchik Sankranti वृश्चिक संक्रान्ति तिथि
ड्रिक पंचांग के अनुसार सूर्य देव 16 नवंबर को तुला से निकलर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे।
वृश्चिक संक्रांति पुण्य काल: 16 नवंबर, 2025 को सुबह 06:54 AM से 11:54 AM तक
वृश्चिक संक्रांति महा पुण्य काल: 16 नवंबर, 2025 को सुबह 06:54 AM से 08:34 AM तक

वृश्चिक संक्रांति पर क्या करें ?
वृश्चिक संक्रांति का दिन आध्यात्मिक और धार्मिक गतिविधियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।
पवित्र स्नान और दान: पुण्य काल में किसी पवित्र नदी में स्नान करना या घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करना शुभ होता है। इसके बाद तिल, गुड़, कंबल, वस्त्र या अनाज का दान करना चाहिए।
सूर्य उपासना: सूर्य देव को अर्घ्य दें और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। सूर्य के मंत्रों जैसे ॐ घृणि सूर्याय नमः का जाप करें।
पितरों का तर्पण: यह दिन पितरों को याद करने और उनके लिए तर्पण करने के लिए भी विशेष माना जाता है, जिससे पितरों का आशीर्वाद मिलता है।

