Vishwakarma Puja 2025: विश्वकर्मा पूजा पर ऐसे करें मंत्रोच्चार और आरती, मिलेगी हर काम में सफलता
punjabkesari.in Wednesday, Oct 22, 2025 - 05:00 AM (IST)
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Vishwakarma Puja 2025: विश्वकर्मा पूजा, सृष्टि के प्रथम इंजीनियर और वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा को समर्पित एक महान पर्व है। यह दिन कारीगरों, शिल्पकारों, औद्योगिक श्रमिकों, इंजीनियरों और तकनीकी कार्य से जुड़े सभी लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है। मान्यता है कि इस दिन पूरी श्रद्धा से पूजा और मंत्र जाप करने से कार्य में कुशलता, सुरक्षा और अटूट सफलता प्राप्त होती है। वर्ष 2025 में विश्वकर्मा पूजा 22 अक्टूबर को की जाएगी। पूजा के दौरान यदि आप उनके मंत्रों का जाप करते हो तो आपको जीवन के हर क्षेत्र में सफलता देखने को मिलती है।

Vishwakarma Puja Mantra विश्वकर्मा पूजा मंत्र
नमस्ते विश्वकर्माय, त्वमेव कर्तृता सदा।
शिल्पं विधाय सर्वत्र, त्वं विश्वेशो नमो नमः।।
ओम आधार शक्तपे नम:।
ओम् कूमयि नम:।
ओम अनन्तम नम:।
पृथिव्यै नम: मंत्र।
ॐ धराधराय नमः
ॐ स्थूतिस्माय नमः
ॐ विश्वरक्षकाय नमः
ॐ दुर्लभाय नमः
ॐ स्वर्गलोकाय नमः
ॐ पंचवकत्राय नमः
ॐ विश्वलल्लभाय नमः
ॐ धार्मिणे नमः
ॐ विश्वकर्मणो वशतः सुमना:।
विश्वे देवासो विश्वकर्मणा सह।
धियं च यज्ञं च दधु:।
Vishwakarma Ji Ki Aarti विश्वकर्मा पूजा आरती
ॐ जय श्री विश्वकर्मा, प्रभु जय श्री विश्वकर्मा।
सकल सृष्टि के कर्ता, रक्षक श्रुति धर्मा॥ ॐ जय…
आदि सृष्टि में विधि को श्रुति उपदेश दिया।
जीव मात्रा का जग में, ज्ञान विकास किया॥ ॐ जय…
ऋषि अंगिरा ने तप से, शांति नहीं पाई।
ध्यान किया जब प्रभु का, सकल सिद्धि आई॥ ॐ जय…
रोग ग्रस्त राजा ने, जब आश्रय लीना।
संकट मोचन बनकर, दूर दुःख कीना॥ ॐ जय…
जब रथकार दंपति, तुम्हरी टेर करी।
सुनकर दीन प्रार्थना, विपत हरी सगरी॥ ॐ जय…
एकानन चतुरानन, पंचानन राजे।
त्रिभुज चतुर्भुज दशभुज, सकल रूप सजे॥ ॐ जय…
ध्यान धरे जब पद का, सकल सिद्धि आवे।
मन दुविधा मिट जावे, अटल शक्ति पावे॥ ॐ जय…
श्री विश्वकर्मा जी” की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत गजानंद स्वामी, सुख संपति पावे॥ ॐ जय…

Vishwakarma Puja Vidhi विश्वकर्मा पूजा की विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। सभी मशीनों, उपकरणों, औजारों और कार्यस्थल की अच्छे से सफाई करें।
कार्यस्थल पर भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। आप चाहें तो एक कलश स्थापित कर उस पर भी भगवान का आह्वान कर सकते हैं।
भगवान विश्वकर्मा को रोली, अक्षत, फूल, मिठाई, फल और धूप-दीप अर्पित करने के लिए सामग्री एकत्रित करें।
जिन औजारों और मशीनों का आप प्रयोग करते हैं, उन्हें गंगाजल से पवित्र करें। उन पर हल्दी, कुमकुम और अक्षत लगाएं। पूजा शुरू करने से पहले भगवान का ध्यान करें और संकल्प लें। फिर उन्हें जल, धूप, दीप, फूल और प्रसाद अर्पित करें।
पूजा के अंत में भगवान विश्वकर्मा की आरती करें और प्रसाद सभी में वितरित करें।

