Vishwakarma Puja 2025: विश्वकर्मा पूजा के दौरान इन मंत्रों का करें जाप, मिलेगा कार्यों में सर्वोत्तम फल
punjabkesari.in Wednesday, Sep 17, 2025 - 08:33 AM (IST)

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Vishwakarma Puja 2025: विश्वकर्मा पूजा एक विशेष पर्व है, जो प्रत्येक वर्ष आश्विन महीने की कन्या संक्रांति के दिन मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान विश्वकर्मा को समर्पित है, जिन्हें देवताओं के सबसे महान वास्तुकार, शिल्पकार और कर्मठ देवता माना जाता है। भगवान विश्वकर्मा ने न केवल स्वर्ग लोक के भवनों का निर्माण किया, बल्कि पौराणिक कथाओं के अनुसार, उन्होंने भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र, पांडवों की राजधानी इंद्रप्रस्थ, भगवान कृष्ण की द्वारका नगरी, और सोने की लंका का भी निर्माण किया था। इसलिए, उनके सम्मान में यह पूजा अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जाती है। विश्वकर्मा पूजा का महत्व केवल धार्मिक और पौराणिक दृष्टि से ही नहीं है, बल्कि यह कार्यक्षेत्र, उद्योग और व्यवसाय के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन काम करने वाले अपने औजार, मशीनें, उपकरण आदि की पूजा करते हैं और सफलता तथा समृद्धि की कामना करते हैं। पूजा के दौरान मंत्रों का जाप अत्यंत शुभ माना जाता है। ये मंत्र न केवल पूजा को पूर्णता देते हैं, बल्कि साधक के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, सफलता और समृद्धि भी लाते हैं। विश्वकर्मा पूजा के दौरान कई शक्तिशाली मंत्रों का जाप किया जाता है, जो भगवान विश्वकर्मा की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
Vishwakarma Puja 2025: आज के दिन पढ़ें यह कथा, खुलेंगे सफलता के द्वार
इन मंत्रों का करें जाप
ओम आधार शक्तपे नम:।
ओम् कूमयि नम:।
ओम अनन्तम नम:।
पृथिव्यै नम: मंत्र।
ॐ धराधराय नमः
ॐ स्थूतिस्माय नमः
ॐ विश्वरक्षकाय नमः
ॐ दुर्लभाय नमः
ॐ स्वर्गलोकाय नमः
ॐ पंचवकत्राय नमः
ॐ विश्वलल्लभाय नमः
ॐ धार्मिणे नमः
भगवान विश्वकर्मा की आरती
ॐ जय श्री विश्वकर्मा, प्रभु जय श्री विश्वकर्मा।
सकल सृष्टि के कर्ता, रक्षक श्रुति धर्मा॥ ॐ जय…
आदि सृष्टि में विधि को श्रुति उपदेश दिया।
जीव मात्रा का जग में, ज्ञान विकास किया॥ ॐ जय…
ऋषि अंगिरा ने तप से, शांति नहीं पाई।
ध्यान किया जब प्रभु का, सकल सिद्धि आई॥ ॐ जय…
रोग ग्रस्त राजा ने, जब आश्रय लीना।
संकट मोचन बनकर, दूर दुःख कीना॥ ॐ जय…
जब रथकार दंपति, तुम्हरी टेर करी।
सुनकर दीन प्रार्थना, विपत हरी सगरी॥ ॐ जय…
एकानन चतुरानन, पंचानन राजे।
त्रिभुज चतुर्भुज दशभुज, सकल रूप सजे॥ ॐ जय…
ध्यान धरे जब पद का, सकल सिद्धि आवे।
मन दुविधा मिट जावे, अटल शक्ति पावे॥ ॐ जय…
“श्री विश्वकर्मा जी” की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत गजानंद स्वामी, सुख संपति पावे॥ ॐ जय…
मंत्र जाप के फायदे
मंत्र जाप से आपके व्यवसाय में वृद्धि होती है और सभी प्रकार के कार्य सफल होते हैं।
जो भी उद्योग या व्यवसाय से जुड़ा हो, उसके लिए यह पूजा और मंत्र जाप अत्यंत फलदायी है।
इन मंत्रों के जाप से जीवन में धन, समृद्धि और उन्नति के मार्ग खुलते हैं।
मंत्र जाप से मानसिक शांति और सकारात्मकता बढ़ती है।
इन मंत्रों के जाप से नकारात्मक शक्तियों और बुरी नजर से सुरक्षा मिलती है।