Vikram Samvat 2082: संवत का राजा और मंत्री सूर्य-शासकों की मनमानी, सब को होगी परेशानी

punjabkesari.in Tuesday, Mar 04, 2025 - 02:54 PM (IST)

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Vikram Samvat 2082: आज बात करेंगे नए साल की। 30 मार्च से हिंदू नववर्ष 2082 रविवार की शुरुआत होगी। अंग्रेजों का नया साल तो 1 जनवरी से शुरू हो गया था लेकिन हमारा साल अभी आने वाला है। सनातन परंपरा में नए साल की शुरुआत जो होती है वो नव संवत से होती है और नव संवत शुरू होने जा रहा है 29 मार्च शाम 4.28 पर। इस समय पर चैत्र मास की अमावस्या समाप्त होगी और प्रतिपदा तिथि शुरू हो जाएगी। लिहाजा नव संवत की शुरुआत अगले दिन यानी कि 30 मार्च से मानी जाएगी और विक्रमी संवत 2028 शुरू हो जाएगा। अगले साल 10 मार्च तक संवत की शुरुआत रविवार के दिन होने के कारण इस साल का राजा सूर्य होगा और इस साल का सूर्य जब मेष राशि में प्रवेश करेगा। उस दिन भी रविवार है लिहाजा मंत्री का पद भी शनि के पास ही है, सूर्य के पास ही है। इस साल सूर्य जब राहु के आर्द्र नक्षत्र में प्रवेश करेंगे तो उस समय जो कुंडली बनेगी उसे आदरा प्रवेश कुंडली कहा जाता है वह दिन भी रविवार है सूर्य 22 जून को आद्रा नक्षत्र में प्रवेश कर रहे हैं। हिंदू कैलेंडर के हिसाब से हर साल स्टार्स की एक कैबिनेट बनती है जिसमें अलग-अलग ग्रहों का पदभार मिलता है। इस साल तीन इंपॉर्टेंट पोर्टफोलियो सूर्य के पास है।  सूर्य राजा भी है, सूर्य मंत्री भी है, सूर्य मघे भी है, सूर्य शुष्क ग्रह है। राजा और मंत्री होने के साथ-साथ मघे भी सूर्य के पास है। लिहाजा इस साल मानसून सामान्य नहीं रहेगा और देश के कुछ इलाके सूखे की चपेट में आ सकते हैं। इससे फसलों का उत्पादन प्रभावित हो सकता है, जिससे महंगाई बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था पर भी इसका प्रभाव नजर आएगा। 

सूर्य के प्रभाव के कारण राजसिक प्रवृत्तियां अधिक बढ़ेंगी शासन और प्रशासन में आपसी टकराव बढ़ेगा। सूर्य के प्रभाव के कारण ही इस साल सर्दी भी कम पड़ेगी और वैश्विक तापमान वो नए लेवल को छूता हुआ नजर आएगा। सूर्य के प्रभाव के कारण ही जंगलों में आग लगने की घटना भी बढ़ेंगी और बड़े स्तर पर अग्निकांड भी ज्यादा हो सकते हैं। सूर्य के ही राजा और मंत्री होने के कारण इस साल केंद्र और राज्य सरकारों के मध्य भी टकराव देखेंगे। सत्ता सूर्य का मतलब होता है। स्वास्थ्य लेकिन सूर्य का ही मतलब होता है अहंकार कई बार क्या होता है लगन में जब सूर्य आता है तो इतना अहंकार आ जाता है कि अहंकार ही हमें ले डूबता है। तो यह साल मोटे तौर अनुशासन का साल है। 

इस साल जो जातक अनुशासन में रहेंगे, उन्हें सफलता मिलनी निश्चित है और जो अनुशासन में नहीं रहेंगे उनका नाकाम होना भी उतना ही निश्चित है। यदि आपकी कुंडली में सूर्य की पोजीशन वीक है। सूर्य आपके राहु-केतु एक्सिस में है 6, 8,12 में पड़े हुए हैं। यानी कि छठे, आठवें, 12वें भाव में पड़े हुए हैं या सूर्य शनि के साथ है। मंगल के साथ हैं तो सूर्य आपके पीड़ित है तो यदि आपके सूर्य पीड़ित है तो आपको सूर्य के उपाय अवश्य करने चाहिए। 

सूर्य देव को जल अर्पित करें। 

एक्सरसाइज करें और सूर्य के दान करें। 

सूर्य के दान के तौर पर आप गुड़ का दान कर सकते हैं। गेहूं का दान कर सकते हैं, कोई भी दान आप करेंगे तो संकल्प जरूर लीजिए। 

नरेश कुमार
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Content Editor

Prachi Sharma

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