जानें, वट सावित्री व्रत में क्यों की जाती है बरगद की पूजा ?

punjabkesari.in Thursday, May 30, 2019 - 04:43 PM (IST)

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हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा माना गया है कि यह व्रत स्त्रियां अपनी पति की लम्बी उम्र के लिए रखती हैं। हर साल वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को मनाया जाता है। इस साल यह तिथि 3 जून को है। मान्‍यता है कि इसी दिन सावित्री जैसी महान पतिव्रता पत्‍नी ने यमराज से अपने पति सत्‍यवान के प्राणों की रक्षा की थी। इस दिन औरतें 16 श्रृंगार करती हैं और बरगद के पेड़ की पूजा करते हैं। लेकिन क्या किसी को पता है कि इस व्रत में बरगद के पेड़ की ही पूजा क्यों की जाती है। अगर नहीं तो चलिए आज हम आपको बताते हैं। 
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वट सावित्री व्रत में वट यानि बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है। क्योंकि वट के वृक्ष ने सावित्री के पति सत्यवान के मृत शरीर को अपनी जटाओं के घेरे में सुरक्षित रखा ताकि जंगली जानवर शरीर को नुकसान नहीं पहुंचा सके। ज्योतिषों के अनुसार वट के वृक्ष में ब्रह्मा, बिष्णु और महेश तीनों का वास होता है इसलिए भी महिलाएं इस वृक्ष की पूजा करती हैं। यह व्रत औरतें अपनी पतियों की लम्बी उम्र के लिए करती हैं।  
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पूजा साम्रगीः
शास्त्रों के अनुसार, वट सावित्री के व्रत में पूजा सामग्री का विशेष महत्व होता है। इस दिन की पूजा सामग्री में बांस का पंखा, लाल या पीला धागा, धूपबत्ती, फूल, पांच फल, जल से भरा पात्र, सिंदूर, लाल कपड़ा, अक्षत आदि का होना अनिवार्य है।


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