Vastu tips for Mahalaxmi Puja in Pitru Paksha: पितरों की शांति के साथ घर में धन-धान्य की वृद्धि करते हैं ये वास्तु नियम
punjabkesari.in Tuesday, Sep 09, 2025 - 03:08 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Vastu tips for Mahalaxmi Puja in Pitru Paksha: पितृपक्ष की अष्टमी को महालक्ष्मी पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। इस दिन पितरों की शांति के साथ घर में धन-धान्य और सौभाग्य की वृद्धि हेतु देवी लक्ष्मी का आह्वान किया जाता है। पूजा के समय वास्तु नियमों का ध्यान रखने से पूजा का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।
Vastu rules for Mahalaxmi Puja on Pitru Paksha Ashtami पितृपक्ष अष्टमी पर महालक्ष्मी पूजा के वास्तु नियम
पूजा दिशा का चयन- पूजा स्थल को उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) या उत्तर दिशा में रखें। देवी लक्ष्मी की मूर्ति/चित्र को पश्चिम या दक्षिण दिशा की ओर न रखें।
बैठने की दिशा- पूजा करने वाले व्यक्ति को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए। दक्षिण दिशा की ओर मुख करके पूजा करना वर्जित माना जाता है।
दीपक की व्यवस्था- घी का दीपक दक्षिण-पूर्व (अग्नि कोण) में रखें। दीपक का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
कुश और पितृ तर्पण- पितृ तर्पण दक्षिण दिशा में ही करें क्योंकि दक्षिण दिशा यम का स्थान है लेकिन देवी महालक्ष्मी की पूजा उत्तर-पूर्व में ही होनी चाहिए।
कलश स्थापना- पूजन के समय कलश को उत्तर-पूर्व में रखें और उस पर नारियल व आम्रपत्र अवश्य रखें। कलश के ऊपर स्वस्तिक बनाना शुभ होता है।
भोजन और नैवेद्य- नैवेद्य (भोग) को उत्तर दिशा में रखकर अर्पित करें। पितरों के लिए भोजन दक्षिण दिशा में अलग से अर्पित करें।
सफाई और शुद्धि- पूजा स्थल की जमीन पर हल्दी, गंगाजल या गोमूत्र से शुद्धिकरण करें। ईशान कोण (उत्तर-पूर्व कोना) पर विशेष रूप से स्वच्छता रखें क्योंकि यही कोना लक्ष्मी और देवताओं का माना जाता है।
Pay special attention to the Vastu rules during Mahalaxmi Puja on the Ashtami of Pitru Paksha पितृपक्ष की अष्टमी को महालक्ष्मी पूजा में वास्तु नियमों का विशेष ध्यान दें:
पितृपक्ष में दक्षिण दिशा का महत्व पितरों के लिए है, जबकि देवी पूजा में उत्तर-पूर्व का इसलिए दोनों क्रियाएं अलग-अलग स्थान और दिशा में करें।
पूजा के समय लाल या गुलाबी रंग के वस्त्र धारण करना शुभ फल देता है।
धूप और दीपक दोनों का प्रयोग करें, केवल अगरबत्ती पर्याप्त नहीं मानी जाती।