Vastu Tips : घर की दहलीज पर करें ये एक काम, बदल जाएगी किस्मत ! जानें वास्तु उपाय

punjabkesari.in Saturday, Dec 27, 2025 - 01:54 PM (IST)

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Vastu Tips :  वास्तु शास्त्र में घर की दहलीज को ऊर्जा का प्रवेश द्वार माना गया है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, घर की दहलीज केवल लकड़ी या पत्थर का एक ढांचा नहीं है बल्कि यह वह सीमा है जो बाहरी नकारात्मक ऊर्जा को रोकती है और घर के भीतर सकारात्मकता को आमंत्रित करती है। अक्सर लोग घर के वास्तु दोषों को दूर करने के लिए तोड़-फोड़ या बड़े बदलावों का सहारा लेते हैं, जो खर्चीला और मानसिक रूप से तनावपूर्ण हो सकता है। लेकिन ज्योतिष और वास्तु विज्ञान में कुछ ऐसे सरल 'दहलीज उपाय' बताए गए हैं, जिन्हें बिना घर में कुछ बदले करने से गंभीर वास्तु दोष भी शांत हो जाते हैं। आइए जानते हैं दहलीज से जुड़े वे शक्तिशाली उपाय जो आपके जीवन में सुख-समृद्धि ला सकते हैं।

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दहलीज का पूजन और स्वस्तिक का महत्व
दहलीज को भगवान गणेश और मां लक्ष्मी का स्थान माना जाता है। यदि आपके घर के मुख्य द्वार की दिशा सही नहीं है या द्वार के सामने कोई पेड़ या खंभा है तो यह उपाय बहुत प्रभावी है।  प्रतिदिन सुबह स्नान के बाद घर की सफाई करें और मुख्य द्वार की दहलीज के दोनों ओर सिंदूर और घी मिलाकर 'स्वस्तिक' का चिह्न बनाएं। स्वस्तिक चार दिशाओं की सकारात्मक ऊर्जा को खींचता है और घर में रहने वालों के बीच कलह को कम करता है। इसे 'अमोघ वास्तु कवच' माना जाता है।

हल्दी के पानी का छिड़काव
हल्दी को हिंदू धर्म में सबसे शुद्ध और नकारात्मकता नाशक माना गया है। यदि घर में अक्सर बीमारी रहती है या धन की बचत नहीं हो पा रही है, तो यह उपाय करें। एक लोटे पानी में थोड़ी सी पिसी हुई हल्दी मिलाएं और इस पानी का छिड़काव अपनी दहलीज पर और मुख्य द्वार के आसपास करें। हल्दी का जल सूक्ष्म कीटाणुओं को नष्ट करता है और घर की आभा को शुद्ध करता है। यह मां लक्ष्मी के आगमन का मार्ग प्रशस्त करता है।

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नमक के पानी से पोंछा 
नमक नकारात्मक ऊर्जा को सोखने की अद्भुत क्षमता रखता है। वास्तु दोष के कारण यदि घर में भारीपन या उदासी महसूस होती है, तो यह उपाय रामबाण है। सप्ताह में कम से कम दो बार नमक मिले हुए पानी से घर की दहलीज को अच्छी तरह साफ करें। पोंछा लगाने के बाद उस पानी को घर के बाहर नाली में फेंक दें, उसे घर के भीतर न रखें।

हलीज पर तोरण का जादुई असर
वास्तु के अनुसार, मुख्य द्वार पर लगाया गया तोरण न केवल सुंदरता बढ़ाता है, बल्कि यह एक फिल्टर की तरह काम करता है जो केवल शुभ ऊर्जा को अंदर आने देता है।

शाम के समय दीपक जलाना
शास्त्रों में कहा गया है कि शाम के समय घर की दहलीज कभी भी अंधेरे में नहीं रहनी चाहिए। सूर्यास्त के बाद मुख्य द्वार की दहलीज पर बाहर की ओर मुख करके घी या तिल के तेल का एक दीपक अवश्य जलाएं। यह दीपक यमराज के भय को दूर करता है और अलक्ष्मी को घर में प्रवेश करने से रोकता है।

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Content Editor

Prachi Sharma

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