Vastu Tips: यह 5 सूत्र बढ़ाएंगे आपके जीवन में पैसों की बरकत
punjabkesari.in Friday, Aug 09, 2024 - 12:59 PM (IST)
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Vastu Tips: हर व्यक्ति के जीवन में पैसा बहुत ही अहमियत रखता है। पैसा सब कुछ नहीं है लेकिन सब कुछ लेने के लिए पैसों की जरूरत होती है। पैसों की कदर उन लोगों से पूछे जिनके पास नहीं है। कुछ छिपे हुए फैक्टर हैं जिनको आप नॉर्मली इग्नोर कर देते हैं लेकिन वो फैक्टर आपके लिए महत्वपूर्ण हो जाते हैं। जिनको कंट्रोल करना बहुत जरूरी है अगर आप पैसों की बरकत लेना चाहते हैं लेकिन इन फैक्टर्स को इग्नोर करते रहेंगे तो पैसों की कमी भी बनी रहेगी।
जब जीवन में पैसों की कमी होती है तो व्यक्ति बिना सैलरी के उन लोगों के लिए काम करता है जिनके पैसे देनेहोते हैं। तब सारी कमाई ब्याज और उधारी में चली जाती है। पैसों की कमी के कारण परिवार के साथ कलह-क्लेश का वातावरण बना रहता है। साथ ही जिस व्यक्ति के पास पैसा कम होता है समाज के लोग उससे दूर भागना शुरू हो जाते हैं। इंसान के चेहरे का नूर खत्म हो जाता है। इन सभी चीजों की एक ही जड़ है, वो है धन की कमी। लेकिन इसमें कौन से छिपे हुए फैक्टर्स हैं, जो आप इग्नोर नहीं करेंगे तो धन की प्रचूरता आनी शुरू हो जाएगी। तो आइए इसके बारे में चर्चा करते हैं-
धन के मामले में हमारे बर्थ चार्ट में कोई न कोई एक घर निर्मित होता है। अगर इंसान सोता है तो उसका 12वां हाउस एक्टिवेटेड रहता है। इंसान की जब शादी होती है तो गृहस्थ में उसका जो सेवंथ हाउस है वो एक्टिवेटेड होता है। जब व्यक्ति पैसा अपने खर्चे पूरे करने के बाद कुछ धन बचा कर रखता है, तब उसके बर्थ चार्ट का सेकंड हाउस एक्टिवेटेड रहता है। सेकंड हाउस सिर्फ पैसे जोड़ने का नहीं है। सेकंड हाउस में और भी कई अन्य चीजें होती है, जिनमें से प्रमुख है वाणी। जब भी आप किसी का दिल दुखाते हैं, तो तब आपका सेकंड हाउस कमजोर होता है और जब सेकंड हाउस कमजोर होता है तो आपके संचित धन को डाइल्यूट करता है और आपके पैसों की बरकत को खत्म करता है। लंबे समय तक धन को संभाल कर रखने के लिए वाणी का बैलेंस रखना बहुत ज्यादा जरूरी हो जाता है।
वाणी के मामले में कुछ सावधानियों का खास ध्यान रखना चाहिए। यह जरूरी नहीं होता कि किसी बात को लेकर आप हर किसी के साथ सहमत हो लेकिन सहमत न हो तो एकदम से सामने वाले पर चिल्ला कर अपनी बात को समझाना, यह आपके धन के स्थान को कमजोर करता है। अपने शब्दों में वजन बनाइए अपनी आवाज को लाउड न करें। बुद्ध बुद्धि के कारक होते हैं। बुद्धि के कारक को स्ट्रांग करने के लिए सही शब्दों का इस्तेमाल करें। ऐसा करने से धन से जुड़ी समस्या दूर हो जाएगी। आपकी वाणी का धन से सीधा-सीधा संबंध होता है।
दूसरा फैक्टर धन रखने का स्थान और आपकी तिजोरी होता है। धन रखने का स्थान आपके सेकंड हाउस से जुड़ा हुआ होता है। सेकंड हाउस में शुक्र की नेचुरल ऊर्जा रहती है। इस समय आपको उस जगह को उर्जित रखने की बहुत जरूरत है। पर्स जितना भी कटा-फटा होगा उतनी ही आपके धन की बरकत खराब होगी। पर्स को हमेशा इवन स्थिति में रखना चाहिए। यह सावधानी आपके धन की बरकत को बहुत बढ़ाती है। हो सके तो अपनी माता जी के हाथ से चांदी का सिक्का लेकर अपने पर्स में रखिए। इससे आपके धन की समस्या दूर होती है और जीवन में धन की बरकत होने लगती है। माता को चंद्रमा माना जाता है। चंद्र धन के फलों को कंट्रोल करते हैं।
धन का तीसरा बिंदु बहुत ही महत्वपूर्ण है। सेकंड हाउस में जो भी प्लेनेट रहेंगे। धन को कंट्रोल करेंगे वह राहु होंगे। राहु जब भी बिगड़ते हैं, तब एकदम से पैसा हाथ से निकलने लगता है। शनि होते हैं तो लंबे समय तक रुका हुआ धन वापस नहीं आता है। हर प्लेनेट अपनी तरह से सेकंड हाउस में धन को बढ़ाता है या खराब करता है लेकिन यहां पर सबसे महत्वपूर्ण बिंदु यह नहीं है। यहां पर आपको अपने जीवनसाथी के चार्ट को भी देखा होगा। उनकी कुंडली में उनका जो आठवां भाव है, वो आपके संचित धन को भी कंट्रोल करेगा। उनके आठवें हाउस में जो भी खराबी रहेगी वो आपके धन की बरकत को कंट्रोल करेगी। अगर अपने जीवनसाथी के आठवें हाउस को बैलेंस करेंगे तो आपको धन की बरकत होती हुई नजर आएगी।
चौथा पॉइंट है आपके घर का वास्तु है। अगर आपके घर का वास्तु आपके बर्थ चार्ट से बिल्कुल अलाइड है तो ही आपके घर का वास्तु आपके धन में वृद्धि में सहायक रहेंगे। जो भी आपके दूसरे, 11वें और छठा हाउस है, वह आपके धन के आने का स्थान हैं। यह सारी चीजें आपके घर की दिशाओं के साथ धन में वृद्धि करने का काम करती हैं।