Vastu Home Tips- पानी रखने का स्थान कहां और कैसा हो, जानिए यहां

punjabkesari.in Tuesday, Mar 30, 2021 - 06:41 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
वास्तु शास्त्र में वर्णन किया गया है अगर घर-दुकान आदि का निर्माण वास्तु शास्त्र के अनुरूप किया जाए तो व्यक्ति को लाभ ही लाभ प्राप्त होता है। आज हम आपको वास्तु में बताए कुछ ऐसे टिप्स बताने जा रहे हैं। जिनके बारे में जानना लगभग हर व्यक्ति को पता होनी चाहिए। दरअसल ये टिप्स हैं घर के पानी स्थल से संबंधित है। वास्तु शास्त्री बताते हैं कि इसमें पानी, अग्नि, वायु, आकाश तथा पृथ्वी तत्व के लिए विभिन्न दिशाएं बताई गई हैं। परंतु आज कल लोग इन बातों पर अमल करना इतना जरूरी नहीं समझते जिस कारण भविष्य में उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए बहुत आवश्यक माना जाता है, इनसे संबंधित बातों को जानना।

तो आइए बिल्कुल भी देर न करते हुए जानते हैं वास्तु शास्त्र में जल का सर्वाधिक शुभ स्थान किस दिशा व दशा में होना चाहिए। 

वास्तु विशेषज्ञ बताते हैं कि घर में जल का सर्वाधिक शुभ दिशा ईशान कोण मानी जाती है, इसलिए घर में पानी का स्थल इस दिशा में रखना चाहिए। कहा जाता है इससे परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य अनुकूल रहता है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है । 

पानी का बर्तन रसोई के उत्तर-पूर्व या पूर्व में भरकर रखना चाहिए

वास्तु के अनुसार पानी का स्थान ईशान कोण है अतः पानी का भण्डारण अथवा भूमिगत टैंक या बोरिंग पूर्व, उत्तर या पूर्वोत्तर दिशा में होना चाहिए।

इसके साथ ही पानी को ऊपर की टंकी में भेजने वाला पंप भी इसी दिशा में होना चाहिए।

दक्षिण-पूर्व, उत्तर-पश्चिम अथवा दक्षिण-पश्चिम कोण में कुआं अथवा ट्यूबवेल नहीं होना चाहिए। इसके लिए उत्तर-पूर्व कोण का स्थान उपयुक्त होता है। इससे वास्तु का संतुलन बना रहता है।

ओवर हेड टैंक उत्तर और वायव्य कोण के बीच होना चाहिए। टैंक का ऊपरी भाग गोल होना चाहिए।

अन्य दिशा में कुआं या ट्यूबवेल हो, तो उसे भरवा दें और यदि भरवाना संभव न हो, तो उसका उपयोग न करें।

घर में नहाने का कमरा पूर्व दिशा में होना चाहिए।

इस बात का खास ध्यान रखें, घर के किसी नल से पानी नहीं रिसना चाहिए, ऐसा होने पर घर मे भुखमरी की स्थिति पैदा हो जाती है। 


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Content Writer

Jyoti

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