Utpanna Ekadashi: आज के दिन प्रकट हुई थी एकादशी, जानें महत्वपूर्ण बातें
punjabkesari.in Tuesday, Nov 26, 2024 - 06:53 AM (IST)
Happy Utpanna Ekadashi 2024: उत्पन्ना एकादशी का व्रत जो जन करता है, वह सभी सुखों को भोगकर अंत में श्री विष्णु जी की शरण में चला जाता है। व्यक्ति को तीर्थ और दर्शन करने से जो पुण्य मिलता है, वह एकादशी व्रत के पुण्य के सोलहवें भाग के बराबर भी नहीं है। इसके अतिरिक्त व्यतीपात योग, संक्रान्ति में तथा चन्द्र-सूर्य ग्रहण में दान देने से और कुरुक्षेत्र में स्नान करने से जो पुण्य मिलता है, वही पुण्य मनुष्य को एकादशी का व्रत करने से प्राप्त होता है।
What is utpanna Ekadashi उत्पन्ना एकादशी से शुरू करें एकादशी व्रत
एकादशी व्रत का आरंभ उत्पन्ना एकादशी से किया जाता है। एकादशी का जन्म भगवान श्री हरि विष्णु से हुआ है। ये एक देवी है, जो उत्पन्ना एकादशी के दिन प्रकट हुई थी।
Utpanna Ekadashi 2024 puja vidhi- उत्पन्ना एकादशी पूजा विधि
एकादशी के दिन ब्रह्म मूहर्त में श्री हरि विष्णु की पुष्प, फूल, जल धूप, अक्षत से पूजा की जाती है। इस व्रत में केवल फलाहार का ही भोग लगाया जाता है। यह मोक्ष देने वाला व्रत माना जाता है।
Utpanna Ekadashi significance उत्पन्ना एकादशी महत्व
दश श्रेष्ठ ब्राह्माणों को भोजन कराने से जो पुण्य मिलता है। वह पुण्य एकादशी के पुण्य के दसवें भाग के बराबर होता है। निर्जल व्रत करने का आधा फल एक बार भोजन करने के बराबर होता है। इस व्रत में शंख से जल नहीं पीना चाहिए। एकादशी व्रत का फल हज़ार यज्ञों से भी अधिक है।