Utpanna Ekadashi 2025: उत्पन्ना एकादशी पर तुलसी के ये उपाय दूर करेंगे दरिद्रता
punjabkesari.in Wednesday, Nov 12, 2025 - 02:20 PM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Utpanna Ekadashi 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है। इस वर्ष यह पवित्र तिथि 15 नवंबर 2025 (शनिवार) को पड़ रही है। यह दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, इसी दिन एकादशी देवी का जन्म भगवान विष्णु से हुआ था, जो पापों के नाश और मोक्ष प्रदान करने वाली मानी जाती हैं।

उत्पन्ना एकादशी पर क्यों खास है तुलसी पूजा
उत्पन्ना एकादशी के दिन तुलसी माता की पूजा का विशेष महत्व है। तुलसी भगवान विष्णु की प्रिय पत्नी मानी जाती हैं, और इनके बिना विष्णु पूजा अधूरी मानी जाती है। इस दिन तुलसी माता की पूजा करने से धन, सौभाग्य और समृद्धि का वास घर में होता है।
परंतु ध्यान रखें एकादशी तिथि पर तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए क्योंकि यह लक्ष्मी माता को अप्रसन्न कर सकता है। पूजा के लिए पहले से तोड़े हुए पत्तों का ही उपयोग करें।

तुलसी के शुभ उपाय जो देंगे धन लाभ
सुबह स्नान के बाद तुलसी माता की पूजा करें। तुलसी के पौधे को जल अर्पित करें और “ॐ तुलस्यै नमः” मंत्र का जप करें।
कच्चा दूध और शृंगार सामग्री चढ़ाएं।
तुलसी पर दूध चढ़ाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और धन का आगमन बढ़ता है।
संध्या के समय तुलसी दीपक जलाएं।
घी का दीपक तुलसी के पास जलाने से विष्णु-लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में सुख-शांति आती है।
मंत्र जाप करें-
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें। यह मंत्र दरिद्रता दूर करता है और मन की शांति देता है।

एकादशी पर इन बातों का रखें ध्यान
तुलसी के पत्ते न तोड़ें।
व्रत के दौरान केवल सात्विक भोजन करें।
किसी का अपमान न करें और क्रोध से बचें।
रात में तुलसी माता के पास दीपक अवश्य जलाएं।
आध्यात्मिक लाभ
उत्पन्ना एकादशी पर तुलसी माता की भक्ति से पापों का नाश, लक्ष्मी-कृपा की प्राप्ति और आर्थिक उन्नति सुनिश्चित होती है।
यह दिन केवल व्रत का नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि और ईश्वर से जुड़ने का अवसर है। मान्यता है की जो व्यक्ति पूरे वर्ष एकादशी व्रत नहीं रख पाते, वे केवल इस एकादशी का व्रत करें, उन्हें पूरे वर्ष का पुण्य प्राप्त होता है।

