खास बर्तनों में करें भोजन, छूटेगा रोगों का साथ मिलेगा श्री और समृद्धि का साथ

punjabkesari.in Friday, Nov 18, 2016 - 02:56 PM (IST)

प्राचीनकाल से लेकर अब तक भोजन के लिए उपयोग होने वाले बर्तनों में काफी बदलाव आया है। पहले स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए बर्तनों का चुनाव किया जाता था लेकिन अब फैशन क्या चल रहा है, इस ओर ध्यान दिया जाता है और उसी के अनुरूप रसोई के लिए बर्तन खरीदें जाते हैं। आज अधिकतर बर्तन एल्युमिनियम या प्लास्टिक के होते हैं। जो न तो स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं और न ही शास्‍त्रों में अच्छे माने गए हैं। आईए जानें किन बर्तनों में खाना खाने से छूटता है रोगों का साथ एवं मिलता है श्री और समृद्धि का साथ...


सोने चांदी के बर्तन: चांदी के बर्तनों में भोजन करना तन, मन और धन के लिए अनुकुल माना गया है क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है जिससे शरीर की गर्मी का नाश होता है। सोने के बर्तनों में भोजन करने से शरीर ठोस, सशक्त और पराक्रमी बनता है। पुरूषों के लिए सोने के बर्तनों में भोजन करना लाभदायक माना गया है। 


लोहे के बर्तन: प्राचीनतम तथा मूल चिकित्‍सा प्रणाली में बताया गया है लोहे के बर्तनों में खाना खाने से शरीर में लौह तत्व बढ़ता है। जिससे हिमोग्लोबिन का स्तर और पाचन क्रिया सही रहती है। लोहे व स्टील निर्मित पत्रों का उपयोग खान-पान तक ही सीमित है व इन्हे शुभ कार्यों में उपयोग में नहीं लिया जाता। 


कांसे के बर्तन: इन बर्तनों में भोजन करने से अनेकों रोगों का नाश होता है। इस धातु में खट्टास वाले भोज्य पदार्थ नहीं डालने चाहिए, वो विषैले हो जाते हैं।


पीतल के बर्तन: पीतल के बर्तनों में श्री हरि विष्णु को भोग अर्पित करने से बरकत बढ़ती है।

 

तांबे के बर्तन: पूजा पाठ के लिए अधिकतर तांबे के बर्तन उपयोग में लाए जाते हैं। माना जाता है की इससे दैवीय शक्तियों की कृपा प्राप्त होती है। तांबे के बर्तन में रखा गया पानी अमृत के समान असर करता है लेकिन दूध शरीर को हानि पंहुचाता है।

 
मिट्टी के बर्तन: मिट्टी के बर्तनों में पका भोजन स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है। मटके का पानी पीने से अनेक रोग दूर होते हैं।

 
पत्तल में खाना: शास्‍त्रों में कहा गया है पत्तल पर भोजन करने से तन और मन स्वस्थ रहता है। देवी-देवताओं को पत्तल पर भोग अर्पित किया जाए तो वो अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं।
 


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