रविवार के दिन करें सूर्य देव को करें प्रसन्न मिलेगी विशेष कृपा
punjabkesari.in Sunday, Oct 16, 2022 - 11:15 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
वास्तु शास्त्र में घर के अशांत माहौल को शांतिपूर्ण बनाने के लिए बहुत से उपाय व तरीके बताए गए हैं। जो घर की नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक ऊर्जा में बदलने के लिए बेहद ही लाभकारी माने जाते हैं। जैसा कि आप सब जानते हैं हर महीने का, हर दिन का अपना एक अलग महत्व होता है, ठीक उसी तरह हफ्ते के सातों दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित हैं। जिसमें से रविवार का दिन सूर्यदेव को समर्पित है। कहा जाता है रविवार के दिन किए गए कुछ खास उपायों से सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं व अपनी कृपा दृष्टि मनुष्य पर बनाए रखते हैं। साथ ही साथ उनके आशीर्वाद से व्यक्ति के जीवन में मान-सम्मान की भी बढ़ोतरी होती है। तो ऐसे में आज हम आपको ज्योतिष शास्त्र में बताए गए कुछ ऐसे उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे न केवल कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है बल्कि धन से जुड़ी सारी समस्याएं भी दूर हो सकती हैं। चलिए जानते हैं
अतिथियों के रहने का कक्ष उत्तर या फिर पश्चिम दिशा के ओर होना चाहिए।
स्थिति सामान्य होने के बाद भी अगर आपको ऐसा लगता है कि हाथ में धन नहीं टिक रहा तो घर के दक्षिण-पूर्व दिशा में से नीले रंग की सभी वस्तुएं हटा दें और उस दिशा में गुलाबी और नारंगी रंग का प्रयोग करें।
घर में आई नकारात्मक ऊर्जा को निकालने के लिए घर में साफ-सफाई रखना बेहद ही जरूरी है। सफाई रखने से न केवल सकारात्मक ऊर्जा घर में आएगी बल्कि लक्ष्मी माता के चरण भी आपके घर में पड़ेंगे।
पार्किंग करने के लिए उत्तर-पश्चिम दिशा सबसे उपयुक्त मानी गई है।
घर की क्यारियों या गमलों में लगे हुए पौधों को नियमित रूप से पानी देना चाहिए। अगर कोई पौधा सूख जाए तो उसे तुरंत वहां से हटा देना बेहतर रहेगा।
दक्षिण-पश्चिम दिशा में ओवरहेड वाटर टैंक होना लाभदायक रहता है।
दरवाजे को खोलते तथा बंद करते वक्त सावधानी से बंद करें, ताकि कर्कश (कानों को चुभने वाली) ध्वनि न निकले।
शुभ फलों की प्राप्ति के लिए घर में बने पूजा घर में नियमित रूप से पूजा-अर्चना होनी चाहिए। इस बात का खास ख्याल रखने की आवश्यकता है कि दक्षिण-पश्चिम की दिशा में निर्मित कमरे का प्रयोग पूजा-अर्चना के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
रसोईघर में गैस का चूल्हा किचन के दक्षिण-पूर्व दिशा के बीच में रखना वास्तु के अनुसार अनुकूल माना गया है।
विश्राम कक्ष में ड्रेसिंग टेबल हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा में रखना चाहिए, सोते समय शीशे को ढक दें।
व्यक्ति को किसी भी परिस्थिति में दक्षिण दिशा की तरफ पैर करके नहीं सोना चाहिए, ऐसा करने से बेचैनी, घबराहट और नींद में कमी हो सकती है।
शयन कक्ष में मुख्य द्वार की ओर पैर करके न सोएं। पूर्व दिशा में सिर एवं पश्चिम दिशा में पैर करके सोने से आध्यात्मिक भावनाओं में वृद्धि होती है।
घर या कमरों में कैक्टस के पौधे या कांटों वाली झाड़ियाँ या काँटों के गुलदस्ते साज-सज्जा के लिए सजाते हैं उनसे पूरी तरह बचना चाहिए।
घर में अग्नि से संबंधित उपकरण जहाँ तक संभव हो दक्षिण-पूर्व दिशा में रखने चाहिए।
घर में लगे हुए बिजली के उपकरणों का रख-रखाव उचित ढंग से होना चाहिए, उनमें से किसी भी प्रकार की आवाज़ या ध्वनि नहीं निकलनी चाहिए।
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