इस Magical रिंग से बढे़गा समाज में मान-सम्मान
punjabkesari.in Saturday, Jun 02, 2018 - 03:26 PM (IST)
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बहुत से लोग अपने जीवन में से ग्रहों की बुरी स्थिति को या ग्रहों की बुरी दशा को ठीक करने के लिए अनेकों तरह के उपाय करते हैं। ज्योतिश शास्त्र के अनुसार हर ग्रह को शांत करने के लिए अलग-अलग तरह के उपाय होते हैं। इसके अनुसार किसी भी ग्रह की स्थिति को ठीक करने के लिए विभिन्न प्रकार की धातु का इस्तेमाल किया जाता है। हिंदू धर्म में सोना, चांदी और तांबा, ये तीनों बहुत पवित्र धातुएं मानी गई हैं। इसीलिए पूजा-पाठ में इनका अधिक प्रयोग किया जाता है। ज्योतिष में नौ ग्रह बताए गए हैं और सभी ग्रहों की अलग-अलग धातुएं है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार ग्रहों के राजा सूर्य देव हैं और इनकी प्रिय धातु है तांबा। तो आईए आज तांबे की अंगूठी से जुड़ी कुछ खास बताएं-
तांबे की अंगूठी को हमेशा रिंग फिंगर में पहनना चाहिए। इससे कुंडली में चल रहे सूर्य दोष का प्रभाव कम होता है औेर जीवन में आ रही मुश्किलों का अंत होता है। साथ ही मंगल के अशुभ प्रभाव से भी मुक्ति मिलती है।
तांबे की अंगूठी पहनने से पेट से जुड़ी बीमारियों में भी राहत मिलती है।
तांबे की अंगूठी के प्रभाव से सूर्य का बल बढ़ता है, जिससे मनुष्य को सूर्य देव की कृपा से घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान मिलता है।
तांबे के लोटे में रख़ा पानी पीने से हमारा शरीर स्वास्थ्य रहता है, वैसे ही इसकी अंगूठी धारण करने से तांबे के औषधीय गुण मिलते हैं इसके साथ त्वचा की चमक भी बढ़ती है।
तांबे की अंगूठी पहनने से हमारी रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसके साथ ही त्वचा की चमक बढ़ती है।
तांबे की अंगूठी शरीर की गर्मी को कम करने में मदद करती है, शारीरिक और मानसिक तनाव भी कम होता है। । साथ ही गुस्से पर भी नियंत्रण रहता है।
तांबे की अंगूठी को पहनने से दिल से संबंधित रोगों की आशंका कम हो जाती है।
जिन व्यक्तियों के शरीर में कॉपर की कमी होती हैं वे तांबे की अंगूठी या फिर तांबे का कड़ा पहनना उनके लिए बहुत अच्छा रहता है।
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