Tulsi Vivah ki Katha: तुलसी विवाह के दिन पढ़ें यह पौराणिक कथा और जानें वृंदा कैसे बनी तुलसी

punjabkesari.in Wednesday, Nov 13, 2024 - 08:59 AM (IST)

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Tulsi Vivah 2024 Katha: हर साल तुलसी विवाह का पर्व बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस बार तुलसी विवाह का पर्व 13 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा। माना जाता है कि इस दिन तुलसी माता और भगवान विष्णु की पूजा करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली बनी रहती है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन शालिग्राम के रूप में भगवान विष्णु और देवी तुलसी का विवाह हुआ था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर तुलसी विवाह क्यों किया जाता है। तो आइए जानते हैं तुलसी विवाह की कथा के बारे में-

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Tulsi Vivah Katha तुलसी विवाह कथा  
पौराणिक कथा के अनुसार, जालंधर नामक राक्षस ने सभी देवी-देवताओं को बहुत ही परेशान कर रखा था। वह बहुत ही शक्तिशाली था। उसकी वीरता का कारण उसकी पत्नी वृंदा का पतिव्रता होना था। कहा जाता है कि उसके पति व्रत घर्म में इतना बल था की जालंधर को युद्ध में कोई भी हरा नहीं सकता था। सभी देवी-देवता उसके आतंक से बहुत परेशान थे। वो भगवान विष्णु के पास पहुंचे और उन्हें सारी व्यथा सुनाई।

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उनकी गुहार सुनकर भगवान विष्णु ने वृंदा का पतिव्रता धर्म नष्ट करने का निश्चय किया। उन्होंने जालंधर का रूप धारण कर छल से वृंदा का पतिव्रत घर्म नष्ट कर दिया। वृंदा का पति जालंधर देवताओं के साथ युद्ध कर रहा था लेकिन वृंदा का सतीत्व नष्ट होते ही जालंधर युद्ध में मारा गया। वृंदा यह समाचार सुनकर बहुत उदास हो गई। बाद में वृंदा को जब भगवान विष्णु द्वारा उसके साथ किए गए छल का पता चला तो वह बहुत क्रोधित हो गई और उसने भगवान विष्णु को श्राप दे दिया कि "जिस तरह आपने छल से मुझे पति वियोग का कष्ट दिया है, उसी तरह आपकी पत्नी का भी छल से हरण होगा और आप भी पत्नी वियोग को झेलने के लिए मृत्युलोक में जन्म लेगी। यह कहकर वृंदा भी अपने पति के साथ सती हो गई।

This is how Vrinda became Tulsi वृंदा कैसे बनी तुलसी
पौराणिक कथा के अनुसार, माता तुलसी ने भगवान विष्णु से नाराज होकर काला पत्थर बन जाने का श्राप दिया। इस श्राप से मुक्ति पाने के लिए भगवान विष्णु ने शालिग्राम पत्थर के रूप में अवतार लिया और तुलसी से विवाह किया। तभी से ही बिना तुलसी दल शालिग्राम की पूजा अधूरी मानी जाती है और शालिग्राम और माता तुलसी का विवाह एक त्योहार के रूप में मनाया जाता है।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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