धार्मिक दृष्टि से जानें, तुलसी की मंजरी फेंकना क्यों माना जाता है अशुभ?
punjabkesari.in Thursday, Nov 20, 2025 - 11:20 AM (IST)
Tulsi Flower Importance: हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा मात्र एक वनस्पति नहीं, बल्कि साक्षात देवी लक्ष्मी और विष्णु प्रिया वृंदा का स्वरूप है। यही कारण है कि इसके पत्ते से लेकर इसकी छोटी-सी मंजरी तक, हर चीज़ अत्यंत पवित्र और पूजनीय मानी जाती है। अक्सर लोग पौधे की बेहतर वृद्धि के लिए मंजरी तो तोड़ लेते हैं, लेकिन इसे सामान्य कूड़ेदान में फेंक देते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, किसी भी पवित्र वस्तु विशेषकर जो देवी से जुड़ी हो को इस तरह अपमानित करना बेहद अशुभ माना जाता है। तो आइए जानते हैं कि धार्मिक दृष्टि से तुलसी की मंजरी को फेंकना क्यों वर्जित माना जाता है और घर में सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए इसका सही सदुपयोग क्या है।

पवित्रता और देवी का स्वरूप
तुलसी को साक्षात देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। मंजरी, जो तुलसी का फल/बीज होती है, उसकी पवित्रता भी पत्तों जितनी ही होती है। किसी भी पवित्र वस्तु को, विशेषकर जो देवी या देवता से जुड़ी हो, उसे फेंकना या अपवित्र स्थानों पर रखना सीधा-सीधा अपमान माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से घर में दरिद्रता आ सकती है और मां लक्ष्मी की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है।

मंजरी को देवी का श्रृंगार मानना
कई विद्वान मंजरी को देवी तुलसी के श्रृंगार का एक हिस्सा या उनकी शुभता का प्रतीक मानते हैं। मंजरी को तोड़ना इसलिए आवश्यक होता है ताकि पौधे पर अतिरिक्त भार न पड़े और पौधा अधिक फले-फूले। लेकिन तोड़ने के बाद इसे फेंकने के बजाय, इसका सम्मान पूर्वक उपयोग किया जाना चाहिए।

सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत
तुलसी का पौधा घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। मंजरी में भी वही ऊर्जा समाहित होती है। यदि इस ऊर्जा के स्रोत को कूड़े में डाल दिया जाता है, तो यह घर की नकारात्मकता के प्रवाह को बाधित करता है, जिससे घर में अशांति और वास्तु दोष बढ़ सकता है।
मोक्ष और विष्णु कृपा से जुड़ाव
तुलसी को भगवान विष्णु की पत्नी माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, तुलसी मंजरी को भगवान विष्णु या शालिग्राम को अर्पित करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिलती है। जब इतनी मोक्षदायिनी और पवित्र वस्तु को साधारण कचरे की तरह फेंक दिया जाता है, तो यह धार्मिक कर्मकांडों के महत्व को कम करता है और व्यक्ति विष्णु कृपा से वंचित रह सकता है।

मंजरी को फेंकने के बजाय क्या करें?
मंजरी को तोड़ना पौधे के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, लेकिन फेंकना अशुभ माना जाता है। इसलिए ज्योतिष शास्त्र और धर्म ग्रंथों में इसके सदुपयोग के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं। इसलिए तुलसी की मंजरी को पवित्र जल में प्रवाहित करें, मिट्टी में दबा दें, भगवान विष्णु को अर्पित करें, गंगाजल में मिलाकर छिड़काव करें या दीपक में उपयोग करें। इन उपायों को करने से तुलसी की मंजरी की पवित्रता बनाए रखा जा सकता है और देवी तुलसी का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।

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