Tuesday Special: सुबह उठकर लें हनुमान जी के ये नाम, बनेंगे बिगड़े काम
punjabkesari.in Monday, Nov 18, 2024 - 03:14 PM (IST)
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Tuesday Special: पवनपुत्र हनुमान भगवान शिव के रुद्रावतारों में से एक हैं। इनकी पूजा अगर सच्चे मन से कर ली जाए तो सभी बिगड़े हुए काम बन जाते हैं। अंजनी नंदन की पूजा करने से किसी भी प्रकार का भय, रोग, शत्रु व्यक्ति के निकट नहीं आता और जीवन से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। हनुमान जी कलयुग के सबसे प्रभावशाली देव माने जाते हैं। कहते हैं मंगलवार का व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन से हर तरह की दुविधा दूर हो जाती है। अगर कोई व्यक्ति व्रत नहीं रख सकता तो आज के दिन बजरंगबली के 108 नाम का जाप करने से सभी कष्टों का निवारण हो जाता है। वैसे प्रमुख रूप से हनुमान जी के 12 नाम बताए गए हैं।
हनुमान जी के 12 नाम- किवंदती है की सुबह उठकर हनुमान जी के 12 नामों का 11 बार जाप करने से व्यक्ति की उम्र बढ़ती है-
ॐ हनुमान
ॐ अंजनी सुत
ॐ वायु पुत्र
ॐ महाबल
ॐ रामेष्ट
ॐ फ़ाल्गुण सखा
ॐ पिंगाक्ष
ॐ अमित विक्रम
ॐ उदधिक्रमण
ॐ सीता शोक विनायक
ॐ लक्ष्मण प्राण दाता
ॐ दशग्रीव दर्पहा
108 names of Hanuman ji हनुमान जी के 108 नाम
भीमसेन सहायकृते
कपीश्वराय
महाकायाय
कपिसेनानायक
कुमार ब्रह्मचारिणे
महाबलपराक्रमी
रामदूताय
अभयदाता
केसरी सुताय
शोक निवारणाय
अंजनागर्भसंभूताय
विभीषणप्रियाय
वज्रकायाय
रामभक्ताय
लंकापुरीविदाहक
सुग्रीव सचिवाय
पिंगलाक्षाय
हरिमर्कटमर्कटाय
रामकथालोलाय
सीतान्वेणकर्त्ता
वज्रनखाय
रुद्रवीर्य
वायु पुत्र
रामभक्त
वानरेश्वर
ब्रह्मचारी
आंजनेय
महावीर
हनुमत
मारुतात्मज
तत्वज्ञानप्रदाता
सीता मुद्राप्रदाता
अशोकवह्रिकक्षेत्रे
सर्वमायाविभंजन
सर्वबन्धविमोत्र
रक्षाविध्वंसकारी
परविद्यापरिहारी
परमशौर्यविनाशय
परमंत्र निराकर्त्रे
परयंत्र प्रभेदकाय
सर्वग्रह निवासिने
सर्वदु:खहराय
सर्वलोकचारिणे
मनोजवय
पारिजातमूलस्थाय
सर्वमूत्ररूपवते
सर्वतंत्ररूपिणे
सर्वयंत्रात्मकाय
सर्वरोगहराय
प्रभवे
सर्वविद्यासम्पत
भविष्य चतुरानन
रत्नकुण्डल पाहक
चंचलद्वाल
गंधर्वविद्यात्त्वज्ञ
कारागृहविमोक्त्री
सर्वबंधमोचकाय
सागरोत्तारकाय
प्रज्ञाय
प्रतापवते
बालार्कसदृशनाय
दशग्रीवकुलान्तक
लक्ष्मण प्राणदाता
महाद्युतये
चिरंजीवने
दैत्यविघातक
अक्षहन्त्रे
कालनाभाय
कांचनाभाय
पंचवक्त्राय
महातपसी
लंकिनीभंजन
श्रीमते
सिंहिकाप्राणहर्ता
लोकपूज्याय
धीराय
शूराय
दैत्यकुलान्तक
सुरारर्चित
महातेजस
रामचूड़ामणिप्रदाय
अंजली सुत
मैनाकपूजिताय
मार्तण्डमण्डलाय
विनितेन्द्रिय
रामसुग्रीव सन्धात्रे
महारावण मर्दनाय
स्फटिकाभाय
वागधीक्षाय
नवव्याकृतपंडित
चतुर्बाहवे
दीनबन्धवे
महात्मने
भक्तवत्सलाय
अपराजित
शुचये
वाग्मिने
दृढ़व्रताय
कालनेमि प्रमथनाय
दान्ताय
शान्ताय
प्रसनात्मने
शतकण्ठमदापहते
केसरी नंदन
अनघ
अकाय
तत्त्वगम्य
लंकारि