आपका राशिफल- 11 दिसंबर, 2019

punjabkesari.in Wednesday, Dec 11, 2019 - 09:45 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आज बुधवार, 11 दिसम्बर, 2019 विक्रमी सम्वत् 2076, मार्गशीर्ष, प्रविष्टे 26, राष्ट्रीय शक सम्वत् 1941, दिनांक 20 (मार्गशीर्ष), हिजरी साल 1441, महीना रबि उल्सानी, तारीख 13, सूर्योदय  प्रात: 7.20 बजे, सूर्यास्त 5.21 बजे (जालंधर समय), नक्षत्र रोहिणी (11 दिसम्बर दिन-रात तथा 12 को प्रात: 6.22 तक) तथा तदोपरांत नक्षत्र मृगशिर, योग सिद्ध (बाद दोपहर 3.20 तक) तथा तदोपरांत योग साध्य, चंद्रमा वृष राशि पर (पूरा दिन-रात), भद्रा रहेगी (प्रात: 10.59 से लेकर रात 10.50 तक)। इसके अलावा अपना आज का राशिफल जानने के लिए क्लिक करें यहां
PunjabKesari
दिशा शूल- उत्तर एवं वायव्य दिशा के लिए
राहू काल- दोपहर 12 बजे से डेढ़ बजे तक।
पर्व, दिवस तथा त्यौहार: श्री सत्य नारायण व्रत, श्री दत्तात्रेय जयंती, श्री त्रिपुर भैरवी जयंती।

श्री सत्य नारायण व्रत
बता दें हिंदू धर्म में इन तीनों की त्यौहारों का विशेष महत्व माना जाता है। जिसमें श्री सत्य नारायण व्रत के बारे में तो लगभग लोग जानते ही हैं कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है तथा इन्हें प्रसन्न करने के लिए व्रत आदि भी किया जाता है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस दिन श्री हरि के पूजन के साथ-साथ इनकी कथा को बंध-बांधवों के साथ बैठकर पढ़ा सुना जाता है। जिससे घर की सुख-समृद्धि बढ़ती है।
PunjabKesari
श्री दत्तात्रेय जयंती
पुराणों में भगवान दत्तात्रेय को महर्षि अत्रि और उनकी सहधर्मिणी अनुसूया के पुत्र बताया गया है। शास्त्रों में किए वर्णन के अनुसार इनके पिता महर्षि अत्रि सप्तऋषियों में से एक माने गए हैं और माता अनुसूया को सतीत्व के प्रतिमान के रूप में उदधृत किया जाता है। 
PunjabKesari
श्री त्रिपुर भैरवी जयंती
शास्त्रों के अनुसार मूल प्रकृति आद्या शक्ति के दश महाविद्या की श्रेणी में देवी त्रिपुर-भैरवी छठी महाविद्या कहलाती हैं। शब्द 'त्रिपुर' का अर्थ है, त्रिलोक अर्थात स्वर्ग, पृथ्वी तथा पाताल व शब्द 'भैरवी' का अर्थ है भय का विनाश। अतः देवी त्रिपुर-भैरवी त्रिलोक में भय और पाप के विनाश के लिए स्थापित हैं
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Jyoti

Recommended News

Related News