असली सम्मान के हकदार होते हैं ये इंसान

punjabkesari.in Tuesday, Sep 17, 2019 - 10:20 AM (IST)

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बात उन दिनों की है जब अब्राहम लिंकन अमरीका के राष्ट्रपति बन चुके थे। अमरीका में घर-घर उनकी चर्चा होती थी कि एक गरीब परिवार का बेटा, अपने संघर्षों से लड़कर, शिक्षा की बदौलत राष्ट्रपति बन गया। सभी उनके सहज स्वभाव के कायल थे। वह जिधर से गुजरते, लोग उनके सम्मान में खड़े हो जाते थे और अभिवादन करते थे। 
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एक बार की बात है। लिंकन अपनी पत्नी के साथ सैर पर निकले थे। मार्ग में उन्हें कई लोग मिले और सभी ने उनका अभिवादन किया। कुछ लोगों ने उन्हें अपनी समस्याएं बताईं और उसका निवारण करने का अनुरोध किया। उनकी गाड़ी आगे बढ़े जा रही थी और लोगों से उनका मिलना-जुलना हो रहा था।

कुछ दूर आगे जाने पर रास्ते में एक वृद्ध किसान दिखा। उस किसान ने अपने कंधों पर फसल का भारी सामान लाद रखा था और वह पसीने-पसीने होता झुकी कमर लिए चला जा रहा था। किसान ने अपने सामने से गुजर रहे लिंकन और उनकी पत्नी का अभिवादन नहीं किया। यहां तक कि उनकी तरफ देखा भी नहीं और आगे बढ़ गया। लिंकन की पत्नी को यह नागवार गुजरा। उन्हें उस किसान का ऐसा करना अपमानजनक लगा। उन्होंने थोड़ी नाराजगी जताते हुए लिंकन से कहा, ‘‘कितना अशिष्ट और मूर्ख किसान है, इसने हमारा अभिवादन तक नहीं किया। क्या उसे पता नहीं कि वह जिस देश में रहता है, उसका राष्ट्रपति उसके सामने है?’’
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लिंकन थोड़ी देर तक चुप रहे, फिर उन्होंने पत्नी से कहा, ‘‘उस वृद्ध किसान से अभिवादन पाने के हकदार हम नहीं, इसका हकदार तो वह किसान ही है जो कड़े परिश्रम से खेतों में अनाज उपजाता है जिससे हमें भोजन मिलता है।’’

लिंकन की बात सुनकर उनकी पत्नी को तत्काल अपनी भूल का एहसास हो गया। इसके बाद दोनों लौटकर उस किसान के पास आए और यथेष्ट सम्मान देकर उसका अभिवादन किया।


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