Kundli Tv- ये 5 आदतें कभी नहीं बनने देंगी आपको करोड़पति

punjabkesari.in Saturday, Aug 25, 2018 - 03:08 PM (IST)

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हिंदू धर्म में एेसे कई पुराण व शास्त्र हैं जिसमें इंसान के हित की बहुत सी बातें कही गई हैं। इनमें से एक गरुड़ पुराण जो वैष्णव सम्प्रदाय से संबंधित है और यह एकमात्र एेसा पुराण है कि जो मृत्यु के बाद सद्गति प्रदान करने वाला माना जाता है। इस पुराण के अधिष्ठातृ देव भगवान विष्णु हैं इसलिए इसमें ज्यादातर बातें इनसे संबंधित हैं। लेकिन इस पुराण में कई एेसे श्लोक भी हैं, जिसमें माता लक्ष्मी से भी संबंधित बहुत सी बातें बताई गई हैं। तो आइए इसके एक एेसे श्लोक के बारे में बताते हैं जिसके अनुसार दांत गंदे रखने वाले और कठोर बोलने वालों से लक्ष्मी माता हमेशा नाराज़ ही रहतीं हैं। इस कारण एेसे लोगों को हमेशा दरिद्रता का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं इस श्लोक के किन 5 लोगों पर लक्ष्मी माता नहीं करतीं कृपा।
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श्लोक
कुचैलिनं दन्तमलोपधारिणं ब्रह्वाशिनं निष्ठुरवाक्यभाषिणम्।
सूर्योदये ह्यस्तमयेपि शायिनं विमुञ्चति श्रीरपि चक्रपाणिम्।।


अर्थात- मैले कपड़े पहनने वाले, दांतों की सफाई न करने वाले, ज्यादा खाने वाले, कठोर बोलने वाले और सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सोने वाले स्वयं विष्णु भगवान भी हों तो उन्हें भी देवी लक्ष्मी त्याग देती हैं।
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गंदे कपड़े
गरुड़ पुराण के अनुसार गंदे कपड़े पहनने वालों को लक्ष्मी माता पसंद नहीं करतीं। इस कारण इन्हे दरिद्रता का सामना पड़ता है। गंदगी से रहने वाले लोगों से लोग मिलना पसंद नहीं करते इस कारण इन्हे हर क्षेत्र में संघर्ष ही करना पड़ता है।

गंदे दांत 
दांतों का संबंध हमारे स्वास्थ्य से होता है। गंदे दांतों के कारण पेट से संबंधित बीमारी का खतरा रहता है। इतना ही नहीं ऐसा माना जाता है कि गंदे दांत रखने वाले अपने काम के प्रति ईमानदार नहीं होते। इसलिए ऐसे लोगों पर माता लक्ष्मी कृपा नहीं करती हैं।
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ज्यादा खाने वाले
जरूरत से ज्यादा खाना खाने से मोटापा आता है और मोटे लोगों को मेहनत करने में भी परेशानी आती है इस कारण ये आलसी हो जातें हैं। मोटापा बीमारियों का भी कारण बनता है। इसलिए ज्यादा खाने वाले लोगों से लक्ष्मी माता दूर ही रहती हैं।

बुरा बोलने वाले
जो लोग कठोर बोलते हैं और अपशब्दों का प्रयोग करने हैं। ऐसे लोगों को भी देवी लक्ष्मी त्याग देती हैं। ऐसे लोगों के स्वभाव के कारण लोग इनसे जुड़ना पसंद नहीं करते जो इनकी तरक्की में बाधक बनता है।
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सूर्योदय-सूर्यास्त के समय सोने वाले
सूर्योदय व सूर्यास्त का समय भगवान को याद करने का समय होता है यह समय व्यायाम के लिए माना गया है। सूर्यास्त के समय भी हल्का-फुल्का व्यायाम किया जा सकता है। इससे शरीर स्वास्थ्य रहता है और इस समय भगवान की पूजा करने से भगवान भी प्रसन्न होते हैं। वहीं जो लोग इस समय को सोने में गवा देते हैं वो आलस के कारण जीवन में आगे नहीं बढ़ पाते, इन्हे लक्ष्मी माता की कृपा भी नही मिल पाती। 
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Jyoti

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