Kundli Tv- गणपति से जुड़ी ये 5 चीजें साक्षात अमृत के समान हैं

punjabkesari.in Wednesday, Dec 19, 2018 - 02:07 PM (IST)

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हिंदू धर्म पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश को सर्वप्रथम पूज्य देवता का दर्जा दिया गया है। इसलिए चाहे कोई भी पूजा-पाठ और अनुष्ठान हो सबसे पहले इन्हें ही पूजा जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से हर काम में सफलता प्राप्त होती है। परंतु वहीं ज्योतिष में इन्हें बुधवार का दिन सर्मिपत है, ये पूरा दिन इनकी पूजा के लिए बहुत ज्यादा शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि अगर कोई इस दिन इनकी सच्चे मन से पूजा करता है उसके सारे अटके काम पूरे हो जाते हैं और उसमें आने वाले सभी विघ्न भी खत्म हो जाते हैं। तो आइए कुछ ऐसे उपाय जानें जिससे गणेश जी झट प्रसन्न हो सकते हैं। बता दें कि ये उपाय बहुत सरल हैं, लेकिन अगर इन्हें करते समय अगर मन में ज़रा सा भी छल-कपट आ जाए तो इसका अच्छा नहीं बल्कि बुरा परिणाम मिलता है।
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इतना तो सब जानते ही हैं कि इनकी पूजा में दूर्वा, मोदक आदि का प्रयोग होता है, लेकिन बहुत से लोग हैं जिन्हें लगता है कि केवल इससे गणेश जी को खुश नहीं किया जा सकता परंतु ज्योतिष के अनुसार केवल छोटी-छोटी चीज़ों से गणेश जी को खुश किया जा सकता है।

दूर्वा:
गणेश जी को खुश करने का सबसे सस्ता और आसान उपाय है दूर्वा से गणेश जी की पूजा करना। बहुत कम लोग जानते होंगे कि दूर्वा गणेश जी को इसलिए पसंद है क्योंकि दूर्वा में अमृत मौज़ूद होता है।
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इसके बारे में गणपति अथर्वशीर्ष में कहा भी गया है कि जो व्यक्ति गणेश जी की पूजा दुर्वांकुर से करता है, वह कुबेर के समान धनी हो जाता है। कुबेर देवताओं के कोषाध्यक्ष हैं। बता दें कि कुबेर के समान होने का मतलब है व्यक्ति के पास धन-धान्य की कभी कमी नहीं रहती है।

मोदक-
गणेश जी को प्रसन्न करने का दूसरा सरल तरीका है मोदक का भोग। गणपति अथर्वशीर्ष में लिखा है कि जो व्यक्ति गणेश जी को मोदक का भोग लगाता है गणपति उनका मंगल करते हैं। मोदक का भोग लगाने वाले की मनोकामना पूरी होती है। आपको बता दें कि शास्त्रों में मोदक की तुलना ब्रह्म से की गई है। इसे भी अमृत मिश्रित माना गया है।
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घी-
ज्योतिष शास्त्र और हिंदू धर्म के पौराणिक ग्रंथों में पंचामृत के लिए भी कहा गया है कि इसमें भी मिलाया जाने वाले घी भी अमृत के समान होता है। इसे पुष्टिवर्धक और रोगनाशक कहा जाता है। यहीं कारण है कि भगवान गणेश को घी काफी पसंद है। गणपति अथर्वशीर्ष में घी से गणेश की पूजा का बड़ा महात्म्य बताया गया है कहा जाता है कि जो व्यक्ति गणेश जी की पूजा घी से करता
है उसकी बुद्धि प्रखर होती है। घी से गणेश की पूजा करने वाला व्यक्ति अपनी योग्यता और ज्ञान से संसार में सब कुछ हासिल कर लेता है।
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सनातन व हिन्दू शास्त्रों में भगवान गणेश जी को विघ्नहर्ता यानि सभी तरह की परेशानियों को खत्म करने वाला बताया गया है। पुराणों में गणेशजी की भक्ति शनि सहित सारे ग्रहदोष दूर करने वाली भी बताई गई हैं। हर बुधवार के शुभ दिन गणेशजी की उपासना से व्यक्ति का सुख-सौभाग्य बढ़ता है और सभी तरह की रुकावटें भी दूर होती हैं।

गणेश यंत्र की पूजा विधि-
प्रात: काल स्नान ध्यान आदि से शुद्ध होकर सर्वप्रथम ताम्र पत्र के श्री गणेश यन्त्र को साफ मिट्टी, नमक, निम्बू से अच्छे से साफ किया जाए। पूजा स्थल पर पूर्व या उत्तर दिशा की और मुख कर के आसान पर विराजमान हो कर सामने श्री गणेश यन्त्र की स्थापना करें।
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शुद्ध आसन में बैठकर सभी पूजन सामग्री को एकत्रित कर पुष्प, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली, लाल चंदन, मोदक आदि गणेश भगवान को समर्पित कर, इनकी आरती की जाती है

अंत में भगवान गणेश जी का स्मरण कर 'ऊँ गं गणपतये नम:' का 108 नाम मंत्र का जाप करना चाहिए।
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Jyoti

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