स्वच्छ भारत और शौचालय अभियान दे सकता है Problems!

punjabkesari.in Wednesday, Jan 04, 2017 - 03:06 PM (IST)

स्वच्छ भारत और शौचालय अभियान का सरकार जोर-शोर से प्रचार-प्रसार कर रही है। देश के नागरिकों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए अपने घर में शौचालय बनाने को लेकर जागरुक कर रही है क्योंकि हमारे देश के गांवों में 60 प्रतिशत से भी ज्यादा और शहरों की गरीब बस्तियों में लोग आज भी खुले में शौच के लिए जाते हैं। इस चुनौती का सामना करने के लिए सरकार द्वारा शौचालय के निर्माण के लिए गरीबों को सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है।


शौचालय में निकलने वाले मलमूत्र और पानी के लिए सैप्टिक टैंक बनाना भी जरूरी होता है और इसे बनाते समय वास्तु के सिद्धान्तों का पालन अवश्य करें। घर चाहें छोटा हो या बड़ा शौचालय कभी भी घर के ईशान कोण अर्थात् उत्तर-पूर्व के कोने में नहीं बनाना चाहिए और सैप्टिक टैंक केवल घर के मध्य पूर्व या मध्य उत्तर दिशा में ही बनाना चाहिए। घर की विभिन्न दिशाओं में सैप्टिक बनाने के परिणाम इस प्रकार होते हैं।


ईशान- परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य सम्बन्धित समस्या।


पूर्व- आर्थिक लाभ एवं बच्चों की तरक्की।


आग्नेय- पुत्र को कष्ट, अर्थनाश एवं अग्नि-भय, गृहिणी अस्वस्थ एवं भय की शिकार। अकारण शत्रुता कोर्ट-कचहरी के झगड़े एवं मति भ्रम।


दक्षिण- स्त्रियों को मानसिक बीमारियां, आर्थिक एवं शारीरिक कष्ट।


नैऋत्य- स्त्रियां अस्वस्थ, कर्ज एवं चरित्रहीनता, घर के प्रमुख व्यक्ति को कष्ट,  दुर्घटना निराशा एवं पुरुष का चरित्रहीन होना।


पश्चिम- थोड़ा धन लाभ, अध्यात्म में रुचि किन्तु पुरुषों की अस्वस्थता।


वायव्य- परिवार को आर्थिक कष्ट, स्त्रियों का सुख और शांति से वंचित होकर घर से बाहर ज्यादा रहना।


उत्तर- धन लाभ एवं मान-सम्मान।


वास्तु के मध्य केन्द्र- भयंकर आर्थिक कष्ट एवं मानसिक परेशानी।


वास्तुगुरू कुलदीप सलूजा
thenebula2001@gmail.com


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