Surya Grahan 2024: साल का आखिरी बड़ा सूर्य ग्रहण होगा खतरनाक ?

punjabkesari.in Wednesday, Oct 02, 2024 - 04:00 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
 
Surya Grahan 2024: आज बात करेंगे सूर्य ग्रहण की। हालांकि सूर्य ग्रहण भारत में नहीं लग रहा लेकिन इसका इंपैक्ट फिर भी इसके बावजूद राशि पर जरूर आता है 2 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लग रहा है और भारतीय समय के मुताबिक यह रात को 9:1 में लगेगा और 3 अक्टूबर सुबह 3:1 मिनट तक यानी कि लगभग 6 घंटे 5 मिनट का यह ग्रहण है। इस ग्रहण के प्रभाव में रहेंगे सूर्यदेव और यह कंकन सूर्य ग्रहण है। जब सूर्य की आकृति है वो एक छल्ले की तरह हो जाती है इसको कंकन सूर्य ग्रहण बोला जाता है। यह लगभग पूर्ण सूर्य ग्रहण के आसपास की स्थिति होती है और इसका जो ग्रहण लग रहा है यह साउथ नोट पे लग रहा है। साल में दो बार ग्रहण लगता है। यह एक खगोलीय घटना है वैसे तो जब भी सूर्य राहु-केतु के बीच में आते हैं तो ग्रहण लग जाता है। एक बार अक्टूबर में लगता है, एक बार अप्रैल मई के आसपास लगता है क्योंकि एक बार केतु के एक्सेस में आएंगे। दूसरी बार राहु के एक्सेस में आएंगे तो ये ग्रहण लग रहा है 2 अक्टूबर को। ये साउथ नोड का ग्रहण है सूर्य केतु-राहु एक्सेस में आ जाएंगे। केतु के ऊपर से ट्रांजिट करेंगे और ये ग्रहण जो लग रहा है वो कन्या राशि में लग रहा है हस्ता नक्षत्र में। कन्या राशि में ग्रहण है। ग्रहण के प्रभाव में चंद्रमा भी है और बुध भी है। मंगल यहां पर मिथुन राशि में गोचर कर रहे हैं और मिथुन राशि के मंगल फोर्थ दृष्टि  से इस ग्रहण को देख रहे हैं। यानी कि मंगल का भी प्रभाव इस ग्रहण के ऊपर है और इस इस समय विक्रमी संवत वर्ष के राजा भी मंगल है। जब मंगल नीच की तरफ जा रहे हैं, अपनी नीच राशि की तरफ जा रहे हैं और उनकी दृष्टि वह ग्रहण के ऊपर पड़ रही है। यह थोड़ा सा डिस्टर्बिग है पूरी दुनिया के लिए।

3 अक्टूबर 2005 को जो ग्रहण लगा था। यह भारत में लगा था यह दोपहर के समय।  यहां पर कन्या राशि में है हस्ता नक्षत्र में है, केतु के ऊपर से सूर्य हैं। अब भी ग्रहण  केतु के ऊपर से है और  साउथ नोड का ग्रहण है। साउथ नोड का जो ग्रहण होता है वो थोड़ा सा ज्यादा विनाशकारी समझा जाता है या थोड़ा सा उसके रिजल्ट जो है वो ज्यादा खराब आते हैं।  2005 की कुंडली में  बुध ग्रहण के प्रभाव में सूर्य है। इस ग्रहण के ऊपर शनि की तीसरी दृष्टि पड़ रही है यानी कि जब 2005 में ग्रहण लगा था तो यह 3 अक्टूबर 2005 को लगा था। जब ग्रहण लगता है ऐसी स्थिति में शनि वक्री होते हैं जो अभी भी वक्री होंगे तो शनि वक्री अवस्था में होंगे। शनि 29 जून से वक्री है और 15 नवंबर तक वक्री रहेंगे। तो वक्री होना ग्रहण के बीच और इस तरह का साउथ नोड में ग्रहण लग जाना पाप ग्रहण के प्रभाव में हो जाना उसके इंपैक्ट ज्यादा अच्छे नहीं होते। ये ग्रहण भारत में नहीं लग रहा ये ग्रहण दक्षिणी अमेरिका में लग रहा है। जहां पर यह ग्रहण लग रहा है इस रीजन में कोई न कोई नेचुरल कैलेमिटी से नुकसान हो सकता है।आपकी राशि के ऊपर इसका क्या असर पड़ेगा ? इसके ऊपर थोड़ा सा चर्चा करते हैं-

वृषभ राशि: वृषभ राशि के जातकों को थोड़ा सा संभल कर रहना चाहिए। 45 दिन लगभग 45 दिन के आसपास इसका असर रहता है। बाद में यह घटता रहता है अगले ग्रहण तक चलता है लेकिन 45 दिन वह ज्यादा क्रुशल होते हैं। वृषभ राशि के पंचम भाव में ये कुंडली आपके सामने लगी हुई है। वृषभ राशि के लिए पंचम ग्रहण में पंचम भाव में ये ग्रहण लग रहा है। जितने भी लोग रिलेशनशिप में है। यहां पर वृषभ राशि के चाहे आप लड़का हैं या लड़की हैं तो थोड़ा सा अपने इमोशंस के ऊपर ध्यान रखना है क्योंकि ग्रहण का प्रभाव पंचम भाव पे है। पंचम भाव निश्छल प्रेम का भाव होता है। पंचम भाव से एंगेजमेंट देखी जाती है। वृषभ राशि के जितने भी जातक हैं जिनके घर में प्रेगनेंसी चल रही है उनको खास तौर पर ध्यान रखना चाहिए। यह ग्रहण उनकी कुंडली में पंचम भाव में आ रहा है। वैसे भी जब संतान होने वाली होती है और ग्रहण आ जाता है तो उसका खास ध्यान रखा जाता है।

मिथुन राशि: मिथुन राशि में राशि के ऊपर से मंगल का गोचर हो रहा है और चौथे भाव में ग्रहण लग जाएगा। चौथा भाव आपका सुख स्थान होता है। चौथा भाव पीस ऑफ माइंड होता है। आपके मदर की हेल्थ को लेकर दिक्कत हो सकती है। यदि आप कोई प्रॉपर्टी खरीदने की प्लानिंग है तो थोड़ा सा ध्यान रखने की जरूरत पड़ेगी। मिथुन राशि के जातकों को बिल्कुल सोच-समझकर सारे डॉक्यूमेंटेशन चेक करने के बाद ही कोई फैसला लें। किसी गलत फैसले के कारण आपका पीस ऑफ माइंड कुछ दिन के लिए डिस्टर्ब हो जाएगा।आपको थोड़ा सा ध्यान रखना है मिथुन राशि के जातकों को कार्यस्थल पर भी अननेसेसरी कंफ्लेक्स से बचिए। किसी भी तरह का विवाद आपके गले में पड़ सकता है।  

तुला राशि: तुला राशि के लिए ग्रहण 12वें भाव में। 12वां भाव आपके खर्चे का भाव होता है। 12वें भाव में जब ग्रहण लग रहा है आप किसी बेवजह विवाद में फंस जाएं। आपका सूर्य और बुध भीयहां पर है केतु-राहु एक्सेस में है। यहां पर तुला राशि के जातकों को अननेसेसरी विवाद से बचना है। खाने-पीने का ध्यान रखिए। अगले 45 दिन क्योंकि यह हॉस्पिटलाइजेशन का घर है। ड्राइविंग थोड़ी स्लो करिए। खर्चे का भाव है अचानक खर्चे आ सकते हैं, थोड़ा सा संभल कर चलेंगे तो चीजें थोड़ी सी बेटर हो सकती हैं। आपको तुला राशि के जातकों को ध्यान रखना होगा।

धनु राशि: धनु राशि के जातकों के लिए ग्रहण दशम भाव में लग रहा है। दशम भाव आपकी नौकरी का स्थान है। कोई भी काम आप करते हैं वो दशम भाव से करते हैं इसको कर्म भाव कहा जाता है। धनु राशि के लिए सूर्य भाग्य स्थान के भी स्वामी हो जाते हैं। इस अवधि में ऐसी समस्या हो सकती है कि यदि आप कोई प्रोजेक्ट करें तो वहां पर डिले का सामना आपको करना पड़ सकता है। यदि आप  कारोबारी हैं तो ऐसा हो सकता है कि आपकी पेमेंट थोड़ी सी डिले हो जाए या डिलीवरी या एग्जीक्यूशन में आपको कहीं न कहीं समस्या का सामना करना पड़े। यह ग्रहण के प्रभाव के कारण हो सकता है क्योंकि दशम भाव आपका  ग्रहण के प्रभाव में है। दृष्टि सीधी जा रही है फोर्थ हाउस के ऊपर। मदर की हेल्थ को लेकर थोड़ा सा कंसर्न रहेगा। ग्रहण के कारण 45 दिन का ये पीरियड 45 दिन के बाद इसका प्रभाव अपने आप हट जाता है।  लेकिन थोड़ा सा 45 दिन आपको ध्यान जरूर रखना पड़ेगा।

कुंभ राशि: कुंभ राशि के जातकों के लिए ग्रहण लग रहा है वो अष्टम भाव में लग रहा है। अष्टम भाव आपकी सीक्रेसी का भाव है। अष्टम भाव लोस का भाव होता है। यह आयु का स्थान होता है। जब आयु स्थान कुंभ राशि के जातकों के लिए ग्रहण के प्रभाव में आ रहा है और इसके ऊपर मंगल की भी दृष्टि है। मंगल चूंकि ब्लड का भी कारक होता है तो कुंभ राशि के जितने भी जातक हैं वो यह ध्यान रखिए कि गाड़ी बिल्कुल धीमी चलाएगा। कुंभ राशि के जातक अपने पासवर्ड सिक्योर रखें। ऐसा हो सकता है कि आपका पासवर्ड कोई हैक करें। गाड़ी धीमी चलाइए।

मीन राशि: मीन राशि के लिए यह ग्रहण सप्तम भाव में लग रहा है। सप्तम भाव आपके पार्टनर का भाव होता है।पार्टनर की हेल्थ को लेकर इशू हो सकता है। क्योंकि इतने सारे ग्रह जो हैं वो इसको प्रभावित कर रहे हैं। पार्टनर छोटी सी बात के ऊपर रिएक्ट कर सकता है। आप पार्टनर के साथ किसी छोटी सी बात के ऊपर रिएक्ट कर सकते हैं।  मीन राशि के जातकों को सिर्फ और सिर्फ पार्टनर के विषय में ध्यान रखना है। अगले 45 दिन 2 अक्टूबर को ये ग्रहण लग रहा है हफ्ता पहले लगभग ये इसका असर आपको दिखना शुरू होगा लगभग 45 दिन।

Remedies related to Sun God सूर्य देव से जुड़े उपाय

ॐ भास्कराय नमः का जाप करें।

आप गुड़ का दान कर सकते हैं।

सुबह-सुबह सूर्य देव को जल अर्पित करें।

नरेश कुमार
https://www.facebook.com/Astro-Naresh-115058279895728

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Prachi Sharma

Related News