6 हज़ार साल तक गुफा में बंद रहा ये शिवलिंग, फिर भी नहीं हुआ कुछ

punjabkesari.in Monday, Jan 28, 2019 - 11:11 AM (IST)

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हिंदू धर्म के प्रमुख देव भगवान शंकर के दुनियाभर में कई मंदिर आदि स्थापित है। ज्यादातर भोलेनाथ शिवलिंग के रूप में ही विराजमान हैं। कहा जाता है कि ये एक मात्र ऐसे देव माने जाते हैं जिनका जन्म कैसे हुआ इसके बारे में किसी को नहीं पता। इन्हें ही संसार के रचयिता कहा गया है और यही हैं जो संसार का विनाश करने की ताकत रखते हैं। केवल भारत देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया इन्हें पूजती है। हम जानते हैं आप में से ऐसे बहुत से लोग होंगे जिन्हें इस बात पर विश्वास नहीं होगा। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसा बताने जा रहे हैं, जिससे आपको इस बात पर यकीनन विश्वास हो जाएगा। भारत में तो ऐसी कई जगहें हैं जहां शिव शंकर बसे हुए हैं, लेकिन क्या आपको पता है भोलेनाथ के भक्तों ने अफ्रीका में भी उन्हें विराजित कर रखा है। इससे संबंधित प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार लगभग 6 हज़ार साल पुराना शिवलिंग अफ्रीका में स्थापित हैं।
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बता दें कि अफ्रीका या कालद्वीप, एशिया के बाद विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप माना जाता है। वैसे तो शिव जी के मंदिर विश्वभर में हैं, चाहे अमेरिका हो, ऑस्ट्रेलिया हो या फिर अफ्रीका। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अफ्रीका में 6 हज़ार वर्ष पहल से ही हिंदू धर्म प्रचलित था। लोगों का कहना है कि दक्षिण अफ्रीका में भी शिव की मूर्ति का पाया जाना इस बात का सबूत है कि शिव की महिमा और प्रताप पूरे विश्व भर में है।
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साउथ अफ्रीका के सुद्वारा नाम की एक गुफा में पुरातत्वविदों को महादेव का करीबन 6 हज़ार साल पुराना शिवलिंग मिला, जो कठोर ग्रेनाइट पत्थर से बना हुआ है। इस शिवलिंग को खोजने वाले पुरातत्ववेत्ता का कहना है कि वे हैरान हैं कि ये शिवलिंग इतने वर्षों से यहां आज तक सुरक्षित कैसे रह पाया। अब इस सवाल का जवाब कोई कैसे दे सकता है, क्योंकि भगवान शंकर के रूप शिवलिंग को कोई किसी भी तरह की हानि कैसे पहुंचा सकता है। इस शिवलिंग के सही सलामत होने का केवल एक ही मतलब हो सकता है कि जिस में खुद भगवान शंकर हो वहां किसी भी प्रकार की कोई घटना होने की कोई संभावना नहीं होती।
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Jyoti

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