कार्य के प्रति निष्ठा न बन रही हो तो Follow करें राजस्थान के प्रसिद्ध साहित्यकार टोडरमल को

punjabkesari.in Sunday, Jan 22, 2023 - 01:59 PM (IST)

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Story of Todermal: राजस्थान के प्रसिद्ध साहित्यकार टोडरमल ने अपने ग्रंथ ‘मोक्षमार्ग’ के लिए दिन-रात एक कर दिया था। पूरा ध्यान पठन-पाठन और लेखन पर केन्द्रित कर लिया था। उन दिनों उन्हें पता ही नहीं चला कि समय कैसे बीत गया। लम्बे अंतराल के बाद एक दिन वह अपनी मां के साथ भोजन करने बैठे। मां ने टोडरमल को खाना परोसा। टोडरमल ने एक टुकड़ा खाया और वह अचानक रुक गए। मां ने पूछा, ‘‘क्या बात है ? क्या आज तुम्हें सब्जी अच्छी नहीं लगी ?’’

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PunjabKesari Story of Todermal

टोडरमल ने सहजता से जवाब दिया, ‘‘नहीं मां, ऐसी बात नहीं है। मुझे लग रहा है कि आज आप सब्जी में नमक डालना भूल गई हैं।’’

बेटे की बात सुनकर मां हैरानी से देखने लगीं। इस पर टोडरमल ने पूछा, ‘‘मां, क्या मैंने कोई गलत बात कह दी ?’’

यह सुनकर मां ने कहा, ‘‘बेटा, मैं तेरे सवाल का जवाब अवश्य दूंगी। पहले मुझे यह बता कि क्या आज तेरा ग्रंथ पूरा हो गया ?’’

टोडरमल प्रसन्न होकर बोले, ‘‘हां मां ! आज मेरा ग्रंथ पूरा हो गया, तभी तो मैं चैन की सांस ले पा रहा हूं।’’

फिर बोले, ‘‘लेकिन मां, तुम्हें यह कैसे पता चला कि मेरा ग्रंथ पूरा हो गया ? मैंने तो अभी इस बारे में तुम्हें कुछ बताया ही नहीं।’’

मां बोलीं, ‘‘बेटा, दरअसल मैं कई दिनों से सब्जी में नमक जान-बूझकर कुछ कम डालती थी ताकि इसी बहाने तुम मुझसे कुछ देर बातें कर लोगे। तुम अपने काम में इतने मग्न थे कि तुम्हें इसका पता ही नहीं चलता था।’’

अत: जब भी कोई कार्य हाथ में लें तो उसे पूरी निष्ठा के साथ करें।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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