परीक्षा के दौरान तनाव से रहें दूर, करें उपाय

punjabkesari.in Wednesday, Feb 21, 2018 - 10:21 AM (IST)

बोर्ड परीक्षा का मौसम शुरू हो चुका है, दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं में शामिल हो रहे छात्र तैयारी में जी-जान से जुटे हुए हैं। स्नातक की सिमैस्टर परीक्षाएं भी होने वाली हैं। जो छात्र परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं उनमें थोड़ा-बहुत तनाव आना लाजिमी है लेकिन यह तनाव उनकी परीक्षा या रिजल्ट पर गलत प्रभाव न डाल दे, इससे बचना और साथ ही तैयारी का ध्यान रखना आवश्यक है।


बोर्ड परीक्षाएं किसी छात्र के बेहतर भविष्य की बुनियाद डालती हैं, इन परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के आधार पर अच्छे कोर्स और संस्थान में प्रवेश का रास्ता बनता है। अच्छे अंकों के दबाव में कई बार छात्र तमाम प्रकार की उलझनों में फंस जाते हैं, जिससे साल भर की अपनी तैयारी पर उनका विश्वास डगमगा जाता है। इनका असर परीक्षाओं के परिणाम पर पड़ता है, हर पेपर को लेकर तनाव, सिलेबस अधूरे रह जाने का तनाव, प्रश्नों को लेकर तमाम प्रकार के कयास छात्रों की नींद हराम कर देते हैं, ऐसे में प्रश्न है कि आखिर परीक्षा के दौरान ऐसा क्या किया जाए ताकि तनाव भी न हो और परीक्षा परिणाम भी अनुकूल आए। इतना तो स्पष्ट है कि तनाव कभी भी किसी को मनोनुकूल परिणाम नहीं देते, मेहनत और धैर्य से ही बेहतर परिणाम हासिल किया जा सकता है।

 
लाएं जीवनशैली में सुधार :  ज्यादातर छात्र परीक्षा के दिनों में खुद के प्रति काफी लापरवाह हो जाते हैं और उनकी जीवनशैली बदल जाती है, उनके न तो सोने का समय तय होता है और न ही खाने-पीने का, बस पढ़ाई करते रहते हैं, इसका उनके शरीर पर बुरा असर पड़ता है, ऐसी समस्याओं से बचने के लिए पढ़ाई के साथ-साथ शरीर को भी पर्याप्त आराम देने की जरूरत है। पौष्टिक भोजन करें, नियमित व्यायाम करें और समय का प्रबंधन सही ढंग से करें, जिससे पढ़ाई को लेकर तनाव न हो। इससे मानसिक शांति मिलेगी और छात्र अपने विषय को सही तरीके से याद कर पाएंगे।


हमेशा सकारात्मक बने रहें : परीक्षा और इसके परिणाम को लेकर हमेशा सकारात्मक रहें और इसे लेकर अपने दिमाग पर अधिक दबाव न डालें। अक्सर यह बात भी मन में आती है कि यदि परीक्षा में बेहतर अंक नहीं आए तो दोस्तों और परिवार के सदस्य की नजरों में गिर जाऊंगा, अच्छे संस्थान में एडमिशन नहीं मिलेगा। ऐसी बातों को लेकर परेशान न हों, खुद पर विश्वास रखें और यह सोचें कि जब आपने ईमानदारी से इतनी मेहनत की है या कर रहे हैं तो परिणाम भी अच्छे आएंगे। कोई भी परफैक्ट नहीं होता और टॉपर भी यह दावा नहीं कर सकता कि उसकी पूरे सिलेबस पर पकड़ है।

 
आत्मविश्वास के साथ करें पढ़ाई : अक्सर परीक्षा नजदीक आते ही छात्र असमंजस में पड़ जाते हैं कि वे क्या पढ़ें और क्या छोड़ें। अक्सर छात्र यह सोचकर परेशान रहते हैं कि यदि कोई प्रश्न इस अमुक अध्याय से पूछ लिया तो क्या करेंगे? यह सोच गलत है, जब परीक्षा की तारीख नजदीक आ गई हो, तो नए विषय या नए अध्याय पढऩा बंद कर दें। अभी तक आपने जो पढ़ा है उसके प्रति गंभीर हों और इस तरह तैयारी करें कि आपके पढ़े हुए विषय या अध्याय से यदि कोई प्रश्न आता है, तो उसमें शत-प्रतिशत अंक आएं। विषयों को दोहराना जरूरी है, यदि आपने कोर्स के दौरान अधिकतर सिलेबस कवर कर लिया है, तो आपके अच्छे अंक आएंगे और एकाध अध्याय की पढ़ाई छूट जाने से तैयारी या परीक्षा अंक में ज्यादा अंतर नहीं आएगा। परीक्षा नजदीक आने पर जिन प्रश्नों या विषय पर आपकी पकड़ अधिक है, उन्हें कम और जिनमें कम पकड़ है उनकी अधिक प्रैक्टिस करें।


मदद लेने से हिचकें नहीं : परीक्षा की तैयारी करते समय यदि किसी भी प्रश्न में उलझ गए हों तो समय बर्बाद करने की बजाय अपने शिक्षक या माता-पिता या बड़े भाई-बहन से जरूर मदद लें। परीक्षा की उलटी गिनती शुरू होने के साथ ही प्रैक्टिस पेपर की मदद से अपनी तैयारी को बेहतर बनाएं। 


परीक्षा की तैयारी के दौरान रात को भी जागना बिल्कुल समझदारी नहीं है। इससे आपका आत्मविश्वास कम होगा, बेहतर होगा कि आप एकाग्रचित होकर तैयारी को अंतिम रूप दें।   


उपाय: परीक्षा में सफलता हेतु नारद पर चढ़ा लाल-सुनहरी पेन जेब में रखें। 


बुद्धिबल में विकास हेतु नारद पर चढ़ी केसर से नित्य तिलक करें।


पढ़ाई के साथ करें इस मंत्र का जाप बढ़ेगी एकाग्रता और उत्‍साह। ये मंत्र बालकांड से है: गुरगृहं गए पढ़न रघुराई। अलप काल बिद्या सब आई।


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