दुनिया का एकमात्र मंदिर जहां होती है मानवमुखी गणेश जी की पूजा, भगवान राम ने किया था यहां पिंडदान
punjabkesari.in Friday, Oct 06, 2023 - 09:03 AM (IST)

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Adhi Vinayagar Temple Thilatharpanapuri: भारत के मंदिर ही यहां की पहचान हैं। देश के कोने-कोने में स्थित कई ऐसे मंदिर हैं जो चमत्कारिक हैं, अद्भुत हैं और अपनी अद्वितीय पहचान के लिए जाने जाते हैं। तमिलनाडु के तिरुवरुर जिले में कुटनूर से लगभग 3 किलोमीटर दूर तिलतर्पणपुरी है। यहीं स्थित है भगवान गणेश का आदि विनायक मंदिर, जो भारत ही नहीं अपितु संभवत: पूरी दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां भगवान गणेश के मानवमुख स्वरूप की उपासना की जाती है अर्थात मंदिर में स्थापित भगवान गणेश की प्रतिमा का सिर हाथी का नहीं अपितु मनुष्य का है।
माना जाता है कि एक बार भगवान शिव जी ने गुस्से में आकर श्री गणेश की गर्दन को धड़ से अलग कर दिया था, जिसके बाद गणेश जी को गज यानी हाथी का मुख लगाया गया था। तब से उनकी प्रतिमा इसी रूप में हर मंदिर में स्थापित होती है लेकिन आदि विनायक मंदिर में गणपति का इंसान का चेहरा होने का कारण यही है कि भगवान का गज मुख लगने से पहले उनका मुख इंसान का था, जिस वजह से उनकी पूजा इस रूप में यहां की जाती है।
History of the Adhi Vinayagar temple मंदिर का इतिहास
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री राम जब अपने पिता की मृत्यु के बाद पिंडदान कर रहे थे, तब उनके द्वारा बनाए गए चावल के पिंड कीड़ों में बदलते जा रहे थे। श्री राम ने जितनी बार चावल के पिंड बनाए, उतनी बार ऐसा ही होता कि वे कीड़ों में बदल जाते। अंतत: उन्होंने भगवान शिव जी से प्रार्थना की, तब महादेव ने उन्हें आदि विनायक मंदिर जाकर विधि-विधान से पूजा करने के लिए कहा।
इसके बाद भगवान श्री राम आदि विनायक मंदिर आए और महाराजा दशरथ के लिए पूजा की। उनके द्वारा बनाए गए चावल के चार पिंड बाद में शिवलिंग के रूप में बदल गए, जो आदि विनायक मंदिर के पास स्थित मुक्तेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित हैं। आज यहां देश के कोने-कोने से लोग अपने पूर्वजों की शांति के लिए आते हैं।
Meaning of Tiltarpanpuri तिलतर्पणपुरी का अर्थ
तिलतर्पणपुरी दो शब्दों से मिलकर बना है, तिलतर्पण अर्थात पूर्वजों के तर्पण से संबंधित और पुरी का अर्थ है नगर। इस प्रकार इस स्थान को पूर्वजों के मोक्ष और मुक्ति का नगर कहा जाता है। पितरों की शांति के लिए पिंडदान नदी के किनारे किया जाता है लेकिन धार्मिक अनुष्ठान मंदिर के अंदर ही होते हैं।
Lord Shiva and Mother Saraswati are also worshipped भगवान शिव तथा माता सरस्वती की भी होती है पूजा
यहां गणेश जी के साथ शिव जी तथा माता सरस्वती का भी मंदिर स्थापित है। प्राचीन कवि ओट्टकुठार ने देवी के इस मंदिर की स्थापना की थी। भगवान गणेश जी के दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालु माता सरस्वती के साथ ही साथ ही मुक्तेश्वर महादेव मंदिर में स्थित चार शिवलिंगों का भी दर्शन अवश्य करते हैं।
How to reach Adhi Vinayagar temple कैसे पहुंचें?
तिरुवरुर शहर मुख्यालय से आदि विनायक मंदिर लगभग 22 किलोमीटर दूर है। यहां का नजदीकी हवाई अड्डा तिरुचिरापल्ली में है, जो लगभग 110 किलोमीटर दूर है। इसके अलावा चेन्नई हवाई अड्डे से इस स्थान की दूरी लगभग 318 किलोमीटर है।
तिरुवरुर रेलवे स्टेशन मंदिर से लगभग 23 किलोमीटर दूर है। तंजावुर के माध्यम से यहां से तमिलनाडु के लगभग सभी शहरों के लिए रेल सुविधा उपलब्ध है। सड़क मार्ग से भी यहां पहुंचना आसान है।