क्या मानव जीवन और पक्षियों का जीवन एक समान है, कैसे जानिए श्री कृष्ण से?
punjabkesari.in Thursday, Nov 19, 2020 - 04:07 PM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
अक्सर आप ने देखा होगा कि कुछ पक्षी जीवनभर अपना खौंसला बनाने में लगे रहते हैं। तिनका-तिनका जोड़ने में लग रहते हैं। ताकि वो अपने साथ-अपने साथ अपने बच्चों को भी खौंसला के रूप में छत प्रदान कर सके। मगर इस खौंसले को बनाने में पक्षी इतनो खो जाए हैं तो उन्हें इस बात का आभास ही नहीं रहता कि उनके स्वयं के पंखों का भी अपना अस्तित्व है। वे भूल जाते हैं कि उनके पास विशाल आकाश हैं, जहां वो अपने पंख फैलाकर उड़ सकते हैं। आखिर में उनका जीवन उसी खौंसले की आहुति चढ़ जाता है।
अब आप यह ज़रूर सोच रहे होंगे भला हम आपको यह सब क्यों बता रहे हैं? भला इसे मानव जीवन का क्या संबंध है? तो आपको बता दें मानव जीवन का इससे बहुत गहरा संबंध है बल्कि यह कहना भी गलत नहीं होगा कि मनुष्य का जीवन इनके जीवन सा सामान्य है। अब कैसे चलिए जानते हैं कैसे। बता दें श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश देते समय बाखूबी इस बात का वर्णन किया है, और आखिर में इससे जुड़ी सीख भी दी है। बता दें गीता में उपदेश के दौरान श्री कृष्ण ने लगभग हर मानव जीवन के प्रत्येक सूत्र के बारे में बताया गया है।
उपरोक्त संदर्भ में श्री कृष्ण कहते हैं हम मनुष्यों का जीवन भी ठीक ऐसा ही होता है। जीवन जीने के लिए हम मनुष्य केवल धन कमाने में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि यह भूल जाते हैं कि हमें जीवन जीना भी है। श्री कृष्ण के अनुसार धन जीवन जीने के लिए होता है। न की जीवन धन कमाने के लिए।
सीख- इस बात से श्री कृष्ण ये सीख देना चाहते हैं कि व्यक्ति को भी इस बात को समझना चाहिए कि वे भी पक्षियों की तरह केवल खौंसला बनाने में न लगाए। बल्कि अपने पंख फड़फड़ाइए, और इस विशाल आकाश में उड़ान भरिए।