इस जगह पर इंद्र पुत्र ने कौवे के रूप में माता सीता पर किया था प्रहार
punjabkesari.in Tuesday, May 25, 2021 - 05:56 PM (IST)

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लगातार अपनी वेबसाइट के माध्यम से हम आपको रामायण काल से जुड़े तीर्थ स्थलों के बारे में बताते आ रहे हैं। इसी बीच एक बार फिर आज हम आपको रामायण काल के ऐसे ही तीन खास स्थलों के बारें में ही बताने जा रहे हैं, जिनका संबंध श्री राम की अर्धांगिनी देवी सीता से है। तो आइए जानते हैं कौन से व पावन स्थल-
स्फटिक शिला, चित्रकूट, मध्य प्रदेश
कामदगिरि से लगभग 4-5 कि.मी. दूर गहरे जंगल में मंदाकिनी की धारा में एक विशाल सफेद शिला है। यहीं इन्द्रपुत्र जयंत ने कौवे के रूप में सीता मां पर चंचु प्रहार किया था।
(ग्रंथ उल्लेख : मानस 3/0/2 से 3/2 दोहा तक।वा.रा. 5/38/12 से 35 तक)
टाठी घाट, चित्रकूट, उत्तर प्रदेश
बुंदेलखंडी में टाठी का अर्थ है थाली अर्थात गोल। यहां मन्दाकिनी नदी गोल आकार लेती है इसलिए नाम टाठीघाट है। यहां जंगल में विचित्र सिद्ध संतों के दर्शन होते हैं। चित्रकूट से अत्रि आश्रम के लिए मंदाकिनी के किनारे-किनारे एक पुराना मार्ग अब भी है।
(ग्रंथ उल्लेख : वा.रा. 2/117/1 से 8 तथा 20, मानस 3/2/1, 2)
गुप्त गोदावरी, चित्रकूट, मध्य प्रदेश
भयंकर जंगल में प्रकृति की अनुपम देन है गुप्त गोदावरी। सीता मां यहां स्नान करती थीं। यहीं मयंक नामक चोर ने उनके वस्त्राभूषण चुराए तथा लक्ष्मणजी ने उसे सजा दी थी।
(ग्रंथ उल्लेख : मानस 2/248/3 2/307/2)