सोम प्रदोष: माथे पर ये तिलक लगाने से बदलेगी Destiny

punjabkesari.in Sunday, Jun 10, 2018 - 02:53 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (देखें VIDEO)
PunjabKesari

वैसे तो हिंदू धर्म के शास्त्रों में भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए अनेकों व्रत आदि का वर्णन किया गया है। प्रत्येक महीने की त्रयोदशी तिथि को किया जाने वाला प्रदोष व्रत भी इन्हीं में से एक है। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत की अधिक महत्ता बताई गई है। इस दिन व्रत करने से मनुष्य की सभी कामनाओं की पूर्ति होती है। यह व्रत अलग-अलग वारों के साथ मिलकर विशेष योग बनाता है। इस बार प्रदोष व्रत सोमवार (9 जून) को होने के कारण सोम प्रदोष का योग बन रहा है। चूंकि सोमवार भी भगवान शिव का ही दिन माना जाता है। इसलिए इस व्रत का महत्व बहुत अधिक है। इस व्रत की विधि इस प्रकार है-
PunjabKesari

व्रत विधि
प्रदोष व्रत में बिना जल पीए व्रत रखना होता है। सुबह स्नान आदि करने के बाद भगवान शंकर, पार्वती और नंदी का पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) व गंगा जल से अभिषेक करें। इसके बाद भगवान शिव को बिल्व पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, भोग, फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची चढ़ाएं। दिन भर भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें। शाम को फिर से स्नान कर शिवजी का षोडशोपचार (16 सामग्रियों से) पूजा करें। भगवान शिव को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं।
PunjabKesari


उपाय-
प्रातः नित्यकर्म से निवृत्त होकर पूर्ण श्रद्धा से परमेश्वर शिव का ध्यान करें। सायंकाल स्नान करने के बाद सफ़ेद वस्त्र पहनें। यथा संभव सफ़ेद आसान का की इस्तेमाल करें। उत्तर की तरफ मुंह करके शिव पूजन करें। शिव के पूजन के पहले मस्तक पर चंदन अथवा भस्म का त्रिपुंड लगा लें। 

आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं। दीपक रखते समय प्रणाम करें। शिव आरती करें। शिव स्त्रोत, मंत्र जाप करें। रात्रि में जागरण करें। 

दाएं हाथ मे रुद्राक्ष अथवा सफ़ेद चंदन की माला से इस मंत्र का जाप करें। 
PunjabKesari

मंत्र-
ॐ ह्रीं रत्नालङ्कृतसर्वाङ्गिने सर्वलोकविभूषणाय नमः शिवाय ह्रीं।।

ये चार अक्षर बदल सकते हैं आपका भाग्य (देखें VIDEO)

 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Jyoti

Recommended News

Related News