Smile please: क्या आपके रिश्ते भी ईर्ष्या की आग में झुलस रहे हैं ? संतों के ये विचार खोल देंगे आंखें
punjabkesari.in Sunday, Nov 30, 2025 - 09:32 AM (IST)
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Smile please: ईर्ष्या दाम्पत्य को खा जाती है, जैसे कपड़े को कीड़े। दाम्पत्य जीवन बेशकीमती तोहफा है। दाम्पत्य जीवन भर का रिश्ता है, इसे छोटी-छोटी बातों और मनमुटाव की भेंट न चढ़ने दें। —सुधांशु शेखर
संसार के महापुरुष अपने पुरुषार्थ, कठिन परिश्रम, संघर्ष, लगन, इच्छाशक्ति, दृढ़ संकल्प वृत्ति के कारण हुए हैं। संकल्प के बिना किसी भी लक्ष्य की सफलता की आशा रखना व्यर्थ है। —बाबू लाल शर्मा
संत कहते हैं कि गफलत में सोए हुए इंसान अभी भी समय है तू सचेत हो जा। इस संसार के अंधकार से निजात हासिल कर ले। —नरेश सोनी
विश्वास एक ऐसा संबंध है जो एक-दूसरे को करीब लाता है। लोग कहते हैं कि किसी से वैर न करो। श्री गुरु नानक देव जी कहते हैं (निरवैर) वैर है ही नहीं।
—खलील जिब्रान
कड़वी वाणी से मनुष्य दुश्मनों से घिर जाता है। पारिवारिक व्यक्ति के लिए वाणी का संयम अति आवश्यक होता है। आज भागदौड़ में रिश्ते बेमायने होने लगे हैं। इसी कारण अब परिवार बिखरने लगे हैं। मनुष्य पाप को मन में छुपा कर रखता है, इसलिए उसका जीवन खराब होने लगा है।
विचार बदलते ही दृष्टि बदल जाती है। गलत विचार हमें पतन की ओर ले जाते हैं। जब तक आप के मन में संशय भरा रहेगा, आप सुखी नहीं हो सकते। यदि पतनों से बचना है तो संत-महापुरुषों के विचार सुनो और मनन करो। बुराइयों से बच जाओगे।
जो चोर-लुटेरे जेलों में नहीं सुधरे, वे संत-महापुरुषों के सत्संग में आकर सुधर गए हैं। सेवक हनुमान जी की तरह कामना रहित, अभिभाव रहित, सर्व हितैषी होना चाहिए। पिता के धर्म के आधार पर ही पुत्र का भविष्य उज्जवल बनता है।
