Skanda Shashti Upay: आपके घर भी है संतान सुख की कमी, स्कन्द षष्ठी पर करें विशेष साधना
punjabkesari.in Monday, Mar 03, 2025 - 04:51 PM (IST)
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शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Skanda Shashti Upay: स्कन्द षष्ठी एक महत्वपूर्ण हिन्दू पर्व है, जो भगवान मुरुगन (स्कन्द) की पूजा के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से दक्षिण भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन अन्य स्थानों पर भी इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। स्कन्द षष्ठी का आयोजन हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर माह की षष्ठी तिथि को किया जाता है।
Importance of Lord Skanda भगवान स्कन्द का महत्व
भगवान स्कन्द जिन्हें कुमार स्वामी भी कहा जाता है, भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र हैं। उनका शस्त्र वैल (एक प्रकार का भाला) है और वे धर्म, साहस, वीरता और युद्ध के देवता माने जाते हैं। स्कन्द षष्ठी का पर्व उनके साथ जुड़े कई पौराणिक प्रसंगों की याद दिलाता है। विशेष रूप से उनका तारकासुर के साथ युद्ध और उसकी विजय महत्वपूर्ण मानी जाती है।
Special sadhana of Skanda Sashti स्कन्द षष्ठी की विशेष साधना
स्कन्द षष्ठी का पर्व केवल पूजा और उपवास से परे एक साधना दिवस भी होता है। विशेष रूप से इस दिन गायत्री मंत्र का जप और ध्यान किया जाता है, जो व्यक्ति की मानसिक शक्ति को बढ़ाता है। इसके अलावा बहुत सारे स्थानों पर वेल या स्कन्द का प्रतीक चिन्ह बनाने और उसे विशेष मंत्रों से अभिमंत्रित करके पूजा की जाती है। यह कर्म व्यक्ति के सैन्य शक्ति और संघर्ष की मानसिकता को विकसित करने में मदद करता है जैसे भगवान स्कन्द ने अपने शत्रु तारकासुर का वध किया था।
Folk beliefs related to Skanda Shashti स्कन्द षष्ठी से जुड़ी लोक मान्यताएं
स्कन्द षष्ठी के दिन कई स्थानों पर यह मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से पुत्र प्राप्ति के योग बनते हैं। खासकर उन परिवारों के लिए, जहां संतान सुख की कमी हो। इसके अलावा रोगों और मानसिक तनाव से मुक्ति के लिए भी स्कन्द षष्ठी का दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। कुछ गांवों और छोटे शहरों में स्कन्द षष्ठी के दिन कावड़ यात्रा भी होती है, जिसमें श्रद्धालु दूर-दूर से पैदल चलकर अपने घरों से मंदिर तक जल चढ़ाते हैं, जो विश्वास और भक्ति का प्रतीक होता है।