Skanda Sashti in Sharadiya Navratri: नवरात्रि में मां गौरी के बेटे स्कंद को करें प्रसन्न, परिवार में लौट कर आएंगी रुठी खुशियां
punjabkesari.in Friday, Sep 26, 2025 - 06:45 AM (IST)
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Skanda Shashti in Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी कहा जाता है। जो 27 सितंबर 2025 शनिवार को है। इस दिन भगवान कार्तिकेय (स्कंद, मुरुगन, कुमारस्वामी) की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान कार्तिकेय युद्ध और शक्ति के देवता हैं, जो भक्तों को साहस, बल और विजय प्रदान करते हैं। शारदीय नवरात्रि की स्कंद षष्ठी केवल देवी दुर्गा की साधना का ही नहीं, बल्कि भगवान कार्तिकेय की कृपा प्राप्त करने का भी विशेष दिन है। इस दिन पूजा, व्रत और मंत्र जाप करने से जीवन में साहस, विजय और सुख-समृद्धि आती है।

यह दिन साहस, पराक्रम और सफलता दिलाने वाला माना जाता है। स्कंद षष्ठी पर व्रत रखने से शत्रु बाधाएं और नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं। यह दिन संतान सुख और संतान की सुरक्षा के लिए विशेष फलदायी होता है। देवी दुर्गा की पूजा के साथ-साथ कार्तिकेय की उपासना करने से दोगुना पुण्य प्राप्त होता है।

What to do on Skanda Shashti स्कंद षष्ठी पर क्या करें ?
सुबह स्नान करके भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा या चित्र पर लाल फूल और धूप अर्पित करें।
माता दुर्गा को फलों और नारियल का भोग लगाएं।
ॐ स्कन्दाय नमः मंत्र का जाप करें।
व्रत रखें और दिन भर सात्विक भोजन का नियम पालन करें।
संतान और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए दीपक जलाएं।

Benefits of Skanda Shashti Vrat स्कंद षष्ठी व्रत का महत्व
संतान सुख और संतान की सुरक्षा मिलती है।
करियर और प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त होती है।
जीवन से शत्रु और नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।
दांपत्य जीवन में मधुरता और स्थिरता आती है।

