इस स्थान पर देवी सीता ने की थी चित्रकारी!

punjabkesari.in Saturday, Jun 12, 2021 - 01:33 PM (IST)

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राम की वनवास यात्रा से जुड़े जिन स्थलों के दर्शन इस बार आपको करवाने जा रहे हैं, उनमें वह स्थान विशेष रूप से शामिल है जहां मान्यता है कि चट्टानों पर मां सीता द्वारा चित्रकारी की गई थी। इनके दर्शनों व पूजन के लिए गहरे जंगलों में आज भी वनवासी दूर-दूर से आते हैं। अन्य स्थलों में वह स्थान जहां श्री राम-लक्ष्मण जी ने मिट्टी से अपनी जटाएं ठीक की थीं से लेकर सीता माता द्वारा लगाया गया तुलसी का बगीचा भी शामिल है। ये सभी स्थान छत्तीसगढ़ में स्थित हैं।

सीता लेखनी, उड़गी, सरगुजा
कई स्थलों पर प्रकृति के रहस्यों को मां सीता से संबंधित माना जाता है। यहां चट्टानों पर मां सीता द्वारा की गई चित्रकारी के दर्शन व पूजन के लिए गहरे जंगलों में आज भी वनवासी दूर-दूर से आते हैं। चित्रकारी में राम, लक्ष्मण, सीता जी के चित्र मिलते हैं।  
(ग्रंथ उल्लेख : जनश्रुतियों के आधार पर)

श्रीराम मंदिर, लक्ष्मीगुड़ी, जसपुर
मान्यता है कि सीता मां ने यहां वनवासी महिलाओं को बांस की टोकरी बनानी सिखाई थी।   
(ग्रंथ उल्लेख : जनश्रुतियों के आधार पर)

फिंगेश्वरनाथ मंदिर, फिंगेश्वर, रायपुर
यहां एक प्राचीन मंदिर के अवशेष हैं। श्रीराम ने वनवास यात्रा के दौरान इस शिव मंदिर की स्थापना की थी।
(ग्रंथ उल्लेख : संकेत के रूप में वा.रा. 3/11/21 से 28 तक देखें)

चंदन मिट्टी, उदयपुर, सरगुजा
श्री राम-लक्ष्मण ने सरगुजा में उदयपुर के पास मिट्टी से अपनी जटाएं ठीक की थीं। यहां प्राचीन राम मंदिर तथा सीता गुफा है। कठिन चढ़ाई के बाद एक गुफा से बहुत चिकनी हरे रंग की मिट्टी निकलती है। इसे ही चन्दन मिट्टी कहा जाता है।
(ग्रंथ उल्लेख : वा.रा. 3/11/21 से 28 तक देखें)


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Jyoti

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