Sikkim: पूर्वोत्तर का स्वर्ग है सिक्किम लेकिन इस समय यहां जाना खतरे से खाली नहीं
punjabkesari.in Monday, Jun 10, 2024 - 05:29 PM (IST)
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Sikkim Tourism: भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्थित, सिक्किम पृथ्वी पर एक छोटा सा स्वर्ग है। भारत के इस मिनी राज्य का स्थापना और विविधता का एक अविश्वसनीय इतिहास है। दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची पर्वत चोटी, कंचनजंगा, सिक्किम में अल्पाइन घास के मैदान, ग्लेशियर और जंगली फूलों की विशाल किस्में भी हैं। गंगटोक में अपनी राजधानी के साथ, यह भूटान, तिब्बत और नेपाल के साथ-साथ उनकी संस्कृति का प्रतिबिंब होने के साथ सीमाओं को साझा करता है।
सिक्किम का मौसम मार्च और नवंबर के महीनों के बीच सबसे सुखद होता है क्योंकि यह उस समय के दौरान पर्यटकों को प्रकृति की खिलखिलाती और जीवंत सुंदरता से रूबरू कराता है। जिन्हें पहाड़ पसंद होते हैं, उनके लिए सिक्किम घूमना किसी जन्नत से कम नहीं। सिक्किम में बहुत से इलाके पहाड़ी हैं और इनकी ऊंचाई 280 मीटर से 8,585 मीटर तक है।
सिक्किम नामग्याल राजतन्त्र द्वारा शासित एक स्वतन्त्र राज्य हुआ करता था, परन्तु प्रशासनिक समस्याओं के चलते तथा 1975 में एक जनमत-संग्रह के साथ भारत में इसका विलय हो गया। जनमत संग्रह के पश्चात राजतन्त्र का अन्त तथा भारतीय संविधान की नियम-प्रणाली के ढांचे में प्रजातन्त्र का उदय हुआ।
Mangan मंगन
पूर्वी हिमालय की गोद में बसा मंगन देश के टॉप पर्यटक स्थलों में से एक गिना जाता है। ऐसे पर्यटक, जिन्हें छुट्टियों में किसी दिलचस्प, आकर्षक, शांत और प्राकृतिक जगह की खोज रहती है, यह जगह उनके लिए एक तोहफा है। मंगन में बहुत से पर्यटन स्थल हैं, जिनमें से एक है शिंगबा रोडोडेंड्रोन सैंक्चुअरी। शिंगबा रोडोडेंड्रोन एक पौधा होता है। इस सैंक्चुअरी में करीब 40 प्रकार के रोडोडेंड्रोन हैं। इतना ही नहीं, इस सैंक्चुअरी में कई प्रकार के पहाड़ी जानवर भी देखने को मिल जाएंगे। इसके अलावा मंगन में सिंघिक गांव है, जो मंगन से करीब 12 कि.मी. दूर है। 500 फुट से भी ज्यादा ऊंचाई पर स्थित इस गांव से कंचनजंगा के नजारे लिए जा सकते हैं।
Gurudongmar Lake गुरूडोंगमर झील
यह खूबसूरत और लोकप्रीय झील सिक्किम की पवित्र झीलों में से एक है। सिक्किम के गंगटोक से 190 किमी दूर स्थित यह झील, समुद्र तल से 17800 फुट की ऊंचाई पर है। यह झील देखने में इतनी साफ और सुंदर है कि पर्यटक अपनी ट्रैवल लिस्ट में इसे शामिल किए बिना रह नहीं पाते। पर्यटन के नजरिए से यह झील देखने लायक है। टूरिस्ट इस झील की खूबसूरती का लुत्फ ले सकें, इस बात का ख्याल रखते हुए विभाग ने इसका रख-रखाव बखूबी किया है।
Lachung Village लाचुंग गांव
वैसे तो गांव कोई भी हो, हमें अच्छा ही लगता है, लेकिन सिक्किम के लाचुंग गांव की बात ही अलग है। यह तिब्बत से लगते उत्तरी सिक्किम में स्थित है। सिक्किम का यह प्यारा सा गांव, 9,600 फुट की ऊंचाई पर लाचेन व लाचुंग नदियों के संगम पर है। यूं तो यह गांव बहुत सुंदर है लेकिन बर्फ गिरने पर तो यहां की सुन्दरता इस हद तक बढ़ जाती है कि इसे शब्दों में बयान करना जरा मुश्किल है। तभी तो यहां दुनिया भर से पर्यटकों का तांता लगा रहता है। इतनी ही नहीं, यहां का हथकरघा केंद्र, जहां स्थानीय हस्तशिल्प भी देखी जा सकती है।
Yumthang युमथांग घाटी
सिक्किम के उत्तर में स्थित है युमथांग घाटी, जिसे फूलों की घाटी भी कहा जाता है। इस घाटी की सुंदरता देखेंगे तो आप भी मान जाएंगे कि इसे यह नाम देना बिल्कुल गलत नहीं है। फूल तो हर किसी को पसंद होते हैं। फूलों का गुलदस्ता देखते ही सबका दिल बाग-बाग हो जाता है। ऐसे में यहां जब फूलों का पूरा बाग ही देखने को मिल जाए तो बात ही क्या है। युमथांग घाटी में भारी बर्फबारी के कारण इसे दिसंबर से मार्च तक पर्यटकों के लिए बंद रखा जाता है।
Seven Sisters Waterfall सैवन-सिस्टर्स वाटर फॉल्स
सिक्किम के गंगटोक-लाचुंग हाईवे पर स्थित सैवन-सिस्टर्स वाटर फॉल्स एक खूबसूरत टूरिस्ट स्पॉट है। गंगटोक से 32 कि.मी. दूर यह झरना सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस हाईवे से गुजरने वाले यात्री झरने के करीब भले ही न जाएं, लेकिन एक बार प्रकृति की इस नायाब सुंदरता को अपनी आंखों और कैमरों में कैद जरूर कर लेते हैं। गंगटोक से यहां पहुंचने के लिए लगभग 40 मिनट का समय लगता है। अगर आप बस या किसी भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जाते हैं तो आप इसे दिल भर कर नहीं देख पाएंगें, क्योंकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट बीच में रुकती नहीं। इसलिए यहां जाने के लिए कार या टू-व्हीलर से जाएं।
Singhik सिंघिक
सिंघिक गांव मंगन से करीब 12 कि.मी. दूर है। 500 फीट से भी ज्यादा ऊंचाई पर स्थित इस गांव से कंचनजंगा के नजारे लिए जा सकते हैं। यहां कुछ ट्रैक्स हैं, जिन पर ट्रैकिंग करने में बहुत कम समय लगता है, जैसे झंडी व्यू प्वाइंट और तोषा झील ट्रैक। इसके अलावा पारंपरिक लेप्चा घर और ऐतिहासिक सिंघिक मठ भी पर्यटन की दृष्टि से अच्छी जगहें हैं। सिंघिक घूमने का सबसे सही समय गर्मियों में मार्च से मई के बीच और सर्दियों में सितंबर से अक्तूबर के बीच का है। जुलाई-अगस्त के बीच के समय में यहां भारी वर्षा होती है और क्योंकि यह एक पहाड़ी क्षेत्र है, इस समय यहां जाना खतरे से खाली नहीं।