शिवपुराणः घर आए मेहमान की इस तरह करें खातिरदारी

punjabkesari.in Friday, Oct 18, 2019 - 03:36 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हमारे हिंदू धर्म में ऐसे बहुत से ग्रंथ शामिल हैं, जिनके माध्यम से व्यक्ति अपना जीवन सुधर सकता है। हमारे ग्रंथों में बताया गया है कि मेहमान भगवान का रूप होते हैं। इसलिए हर रूप में उनकी सेवा करनी चाहिए। हवन या कई त्यौहारों पर घर आए अतिथियों को भोजन करना का महत्व है। ऐसे ही अतिथि के सत्कार को लेकर शिवपुराण में 4 ऐसी बातें बताई गई हैं, जिसका पालन हर किसी को करना चाहिए।  
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शास्त्रों के अनुसार जिस मनुष्य का मन शुद्ध नहीं होता, उसे कभी भी अपने शुभ कर्मों का फल नहीं मिलता है। घर आए अतिथि का सत्कार करते समय या उन्हें भोजन करवाते समय कोई भी गलत भावों को मन में नहीं आने देना चाहिए। अतिथि सत्कार के समय जिस मनुष्य के मन में जलन, क्रोध, हिंसा जैसे बातें चलती रहती हैं, उसे कभी अपने कर्मों का फल नहीं मिलता है। 

मनुष्य को कभी भी घर आए अतिथि का अपमान नहीं करना चाहिए और न ही उस पर गुस्सा होना चाहिए। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि मनुष्य क्रोध में आकर या किसी भी अन्य कारणों से घर आए मेहमान का अपमान कर देता है। ऐसा करने पर मनुष्य पाप का भागी बन जाता है। 
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मेहमान को भगवान के समान माना जाता है। अपवित्र शरीर से न भगवान की सेवा नहीं की जाती है और न ही मेहमान की। किसी को भी भोजन करवाने से पहले मनुष्य को शुद्ध जल से स्नान करके, साफ कपड़े धारण करना चाहिए। 
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घर आए मेहमान को भोजन करवाने के बाद कुछ न कुछ उपहार में देने का भी विधान है। अपनी श्रद्धा के अनुसार मेहमान को उपहार के रूप में कुछ जरूर देनी चाहिए। 


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