Shivaji Maharaj story: एक वनवासी बुढ़िया ने बदल दिया छत्रपति शिवा जी का जीवन

punjabkesari.in Tuesday, Dec 06, 2022 - 10:01 AM (IST)

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Inspirational Story: एक बार शिवाजी युद्ध के दौरान बुरी तरह से थक गए। आसपास कुछ न देख वह एक वनवासी बुढ़िया के घर में जा घुसे। बहुत भूख लगी थी अत: उन्होंने कुछ खाने के लिए मांगा। सैनिक समझकर बुढ़िया ने उनके लिए प्रेमपूर्वक खिचड़ी पकाकर एक पत्तल पर परोस दी। शिवाजी को भूख जोर से लगी थी अत: उन्होंने जल्दबादी में खिचड़ी के बीच में हाथ दे मारा और अपनी उंगलियां जला बैठे। यह देखकर बुढ़िया बोली, ‘‘सैनिक! दिखने में तो समझदार दिखाई देता है फिर भी मूर्ख शिवाजी की तरह गलती कर रहा है।’’

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यह सुनकर शिवाजी के कान खड़े हो गए। वह बोले, ‘‘माई! शिवाजी ने ऐसी क्या गलती की जो आप उनको मूर्ख बोल रही हो और मेरी गलती बताने की भी कृपा करें।’’

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बुढ़िया बोली, ‘‘सैनिक ! जिस तरह तू किनारे की ठंडी खिचड़ी खाने की बजाय बीच में अपना हाथ डालकर अपनी उंगलियां जला रहा है उसी तरह शिवाजी भी पहले छोटे-छोटे किलों को जीतकर अपनी शक्ति बढ़ाने की बजाय बड़े किलों पर धावा बोलकर मुंह की खाता है। इसीलिए मैंने तुझे शिवाजी की तरह मूर्ख कहा।’’

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अब शिवाजी को अपनी हार का कारण समझ आ चुका था। उन्होंने पहले छोटे-छोटे किलों को जीतकर अपनी शक्ति बढ़ाना शुरू कर दिया और बाद में बड़े-बड़े किले भी फतह कर लिए। शिवाजी को बुढ़िया की सीख काम आई।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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