डॉक्टर हो गया फेल तो ये मंत्र कर सकता है आपका इलाज

punjabkesari.in Sunday, Jan 06, 2019 - 06:16 PM (IST)

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हिंदू धर्म में ऐसे कई मंत्र आदि दिए गए हैं जिनका जाप करके इंसान अपनी बहुच सी परेशानियों से निजात पा सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं शास्त्रों में ऐसे भी कई मंत्र आदि दिए गए हैं, जिनके जाप से आप अपनी बड़ी से बड़ी बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं, बल्कि इन मंत्रों के जाप से ऐसी बीमारियों से मुक्ति पाई जा सकती है जिनका इलाज करने में बड़े-बड़े डॉक्टर फेल हो गए। जी हां, आपको शायद ये सब जानकर यकीन नहीं हो रहा होगा लेकिन हमारे हिंदू धर्म में ऐसा कई मंत्रों का वर्णन किया गया है, जो बहुत ही लाभदायक साबित हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं उन मंत्रों के बारे में जिनका जाप से वो सब मुमकिन है, जो मंहगी मंहगी दवाईयों से नहीं। भगवान शंकर के महामृत्युंजय मंत्र के बारे में तो सब जानते ही होंगे लेकिन ये हर किसी को नहीं पता होगा कि अगर कोई भी रोगी तांत्रिक बीजोक्त मंत्र यानि महामृत्युंजय मंत्र का निमित्त 3 हज़ार बार जाप करके, 108 बार हवन करने से उसके स्वास्थ्य में बहुत सुधार होने लगता हैं।

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तांत्रिक बीजोक्त मंत्र-
।। ॐ ह्रौं जूं सः । ॐ भूर्भुवः स्वः । ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌ । उर्वारुकमिव बन्धनांन्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌ । स्वः भुवः भूः ॐ । सः जूं ह्रौं ॐ ।

कहा जाता है कि इस प्रभावशाली संजीवनी महामृत्युंजय मंत्र महामृत्युंजय मंत्र का बहुत फलदायी होता है। मगर इस मंत्र के जप के समय कुछ सावधानियां रखना ज़रूरी है जिसका पालन करने के बाद ही इसका पूरा लाभ प्राप्त हो सकता है।

 

ज्योतिष के अनुसार तांत्रिक बीजोक्त महामृत्युंजय मंत्र जप करते समय उच्चारण की शुद्धता का पूरा ध्यान रखें।

 

इस बात का ध्यान रखें कि मंत्र जप के जितनी संख्या में जप का संकल्प लिया है उतना ही निर्धारित समय में पूरा करें।

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मंत्र का उच्चारण ऐसे करें कि आस-पास बैठे व्यक्ति को भी सुनाई न दें। इस बात का ध्यान रखें कि जप तक जप करें तब तक घी का दीपक और चंदन की धूप जलते रहें।

 

इस चमत्कारी मंत्र का जाप कुशा के आसन पर बैठकर रुद्राक्ष की माला से ही करें।

 

ध्यान रहे कि मंत्र जाप के दौरान आपका मुख पूर्व दिशा की तरफ़ ही हो। इसके अलावा मंत्रोच्चार करते समय ध्यान एकाग्र हो, आलस्य व उबासी को बिलकुल भी न आने दें।

 

जब जाप पूरा हो जाए तो जप पूरा होने के बाद दुध मिले जल से भोलेनाथ का विधि-वत अभिषेक करें।

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जितने दिन तक जप का संकल्प लिया हो उतने दिनों तक भूमि पर शयन करें यानि धरती पर सोएं।
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Jyoti

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